Rakhi 2025: रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार और त्याग का प्रतीक है। इतिहास में राखी का मोल रखने के लिए लड़ाइयां लड़ी गई। जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। ऐसी ही एक कहानी रानी कर्णवती (Queen Karnavati) और मुगल शासक हुमायूं (Humayun) से जुड़ी हुई है।
1530 का समय था। मेवाड़ की रानी कर्णावती जोकि राणा सांगा की विधवा थी। वह अपने राज्य को संकट से बचाने के लिए संघर्षरत थीं। गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर हमला बोल दिया था। मेवाड़ की सेना कमजोर थी। ऐसे में रानी को मदद की सख्त जरूरत थी। तब रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को एक राखी भेजी। यह राखी सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि एक बहन का अपने भाई से रक्षा का आह्वान थी।
भारतीय संस्कृति में राखी का मतलब है विश्वास और सुरक्षा। रानी ने हुमायूं को भाई मानकर यह राखी भेजी, ताकि वह मेवाड़ की रक्षा करें। यह कदम न केवल रणनीतिक था, बल्कि यह दो संस्कृतियों के बीच के संबंध को भी दर्शाता था। जब हुमायूं को राखी मिली। तब वह बेहद प्रभावित हुए।
इतिहासकारों के अनुसार, हुमायूं ने इस राखी के महत्व को समझा और मेवाड़ की मदद के लिए अपनी सेना को तैयार किया। हालांकि, उनकी सेना समय पर चित्तौड़ नहीं पहुंच सकी। बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर कब्जा कर लिया। रानी कर्णावती ने अन्य राजपूत रानियों के साथ जौहर कर लिया।
लेकिन, हुमायूं ने बहादुर शाह को हराकर चित्तौड़ को वापस जीता। राज्य को कर्णावती के पुत्रों को सौंप दिया था। यह उनकी राखी के प्रति वचनबद्धता का प्रतीक था। यह कहानी राखी के बंधन की ताकत और बलिदान की भावना को दर्शाती है। राखी सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि विश्वास, सम्मान और रक्षा का प्रतीक है।
Updated on:
08 Aug 2025 02:05 pm
Published on:
08 Aug 2025 11:48 am