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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: राजस्थान के इस मंदिर में भगवान कृष्ण की जन्म कुंडली का होता है वाचन, जानें विशेष परंपरा के बारे में

मंदिर की स्थापना के समय से ही सेवक समाज के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। यह मंदिर वास्तुशिल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से किया गया है।

bikaner Lakshminath temple
Laxminath Temple (Image: Patrika)

बीकानेर। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर पूरे देश में तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच बीकानेर के हृदय में स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां तेज हो गई हैं, क्योंकि इस मंदिर में आज के दिन ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर सदियों से भगवान कृष्ण के समक्ष ही ठाकुरजी की कथा का वाचन होता है। कथा के बाद भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली का भी वाचन होता है।

श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर के कथावाचक पंडित ओम प्रकाश व्यास बताते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ठाकुरजी की कथा का वाचन और भगवान कृष्ण की जन्म कुंडली के वाचन की परंपरा पुरानी है। कथा और जन्मकुंडली का वाचन वेदव्यास की गद्दी पर ठाकुरजी के समक्ष होता है। कथा और जन्म कुंडली वाचन को श्रद्धालु बड़ी आस्था और श्रद्धा भाव के साथ सुनते हैं।

द्वापर युग, चन्द्र वंश, वृषभ लग्न व रोहिणी नक्षत्र में जन्म

ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का अवतार द्वापर युग में चन्द्र वंश में भाद्रपद कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि के दिन मध्यरात्रि को वृषभ लग्न व रोहिणी नक्षत्र में हुआ। भगवान विष्णु के दशावतार में भगवान कृष्ण का आठवां अवतार है। श्रीमद् भागवत महापुराण, विष्णु पुराण सहित धार्मिक ग्रंथों में श्रीकृष्ण अवतार का विशेष उल्लेख मिलता है।

कंस का प्रतीकात्मक वध

श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी शंकर महाराज के अनुसार नगर सेठ श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर में इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव 15 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दौरान ठाकुरजी का अभिषेक, पूजन, शृंगार, भोग अर्पित किया जाएगा। रात्रि 12 बजे कंस का प्रतीकात्मक वध होगा। कथावाचक की ओर से ठाकुरजी की कथा और भगवान कृष्ण की जन्म कुंडली का वाचन होगा।

दो दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव इस बार दो दिवसीय मनाया जा रहा है। अपनी -अपनी मान्यता और आस्था अनुसार श्रद्धालु कृष्ण जन्माष्टमी पर्व 15 और 16 अगस्त को मना रहे हैं। नगर सेठ श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर में 15 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। वहीं कई घर -परिवारों में शुक्रवार को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप का पंचामृत से अभिषेक, पूजन कर आरती की जाएगी। ठाकुरजी के विविध पकवानों और मिठाइयों का भोग अर्पित किया जाएगा।

लक्ष्मीनाथ मंदिर के कुछ अनसुने तथ्य

लक्ष्मीनाथ मंदिर को नगर सेठ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम मंदिर स्थानीय लोगों के जीवन में इसके गहरे सम्मिलन को दर्शाता है। लक्ष्मीनाथ मंदिर शहर के केंद्र में मौजूद है। इस मंदिर का निर्माण शहर की स्थापना के साथ ही हुआ था। यह मंदिर सदियों से शहरवासियों के लिए आस्था का केंद्र रहा है।

देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति विराजमान

मंदिर की स्थापना के समय से ही सेवक समाज के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इसकी पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। यह मंदिर वास्तुशिल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से किया गया है। मंदिर की नक्काशी और मूर्तियां देखने लायक हैं। इस मंदिर में कई त्योहार धूम धाम सम मनाए जाते हैं। जिनमें श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दिवाली और निर्जला एकादशी प्रमुख हैं। मंदिर में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति विराजमान हैं।

बाजारों में भी रौनक

वहीं शहर के अनेक मंदिरों और घरों में 16 अगस्त को भी जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। जिसकी तैयारियां मंदिरों और घरों में चल रही है। शहर के कृष्ण मंदिर रंग बिरंगी रोशनी से सजाए गए हैं। कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर घर -घर में तैयारियां चल रही हैं। बाजारों में सज चुकी दुकानों पर लड्डू गोपाल के वस्त्र, बंशी, मुकुट, आभूषण, झूले इत्यादि की खरीदारी चल रही है।

झांकियों में ये चीजें शामिल

कृष्ण जन्माष्टमी पर शहर में झांकियां सजाने की विशेष परंपरा है। घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर कलात्मक झांकियां सजाई जा रही हैं। झांकियों में नदी, पहाड़, रेल, कंस की जेल, कृष्ण गोपियों के साथ महारास करते हुए, कृष्ण और राधा झूला झूलते हुए, कृष्ण गायें चराते हुए, राजस्थानी जन जीवन, पशु, पक्षियों सहित विभिन्न प्रकार के खिलौने झांकियों में सजाए जा रहे है। मिट्टी, लकड़ी के खिलौनों के साथ इलेक्ट्रीक खिलौने भी सजाए जा रहे हैं।

झांकियों में रामसेतु और लंका दहन

मूंधड़ा चौक पोस्ट ऑफिस वाली गली में श्री बाल गोपाल मित्र मण्डल की ओर से इलेक्ट्रॉनिक झांकी सजाई गई है। झांकी आयोजन से जुड़े कैलाश हर्ष व चंदन हर्ष के अनुसार झांकियों में रामसेतु, बाबा रामदेवजी की समाधि, वराह अवतार, कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हुए भगवान कृष्ण, कालिया नाग का मर्दन करते कृष्ण, हिरण्यकश्यप और महाकाली आदि की विभिन्न झांकियां सजाई गई हैं। यहां 16 अगस्त को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा।