सीकर। मानसून की बम्पर बारिश के आने से आमजन खुश हो लेकिन किसानों की चिंता बढ़ गई है। वजह नमी बढऩे से फसलों में खरीफ की फसलों में रोग-कीट का प्रकोप होना है। राेग कीट के कारण जिले में हजारों हेक्टेयर में किसानों की खरीफ की दलहन की फसलें तबाह हो गई है। किसानों की माने तो अगस्त माह की शुरूआत से ही शुष्क वातावरण के कारण फसलें गर्मी और उमस की चपेट में आने लगी। तापमान में लगातार बढ़ोतरी और बारिश की कमी से खेतों में नमी घट रही है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। इस सप्ताह के अंत तक बारिश नहीं हुई तो खरीफ के उत्पादन पर असर पड़ना तय है। सीकर जिले में खरीफ फसलों लक्ष्य की तुलना में शत प्रतिशत, झुंझुनूं और नागौर जिले में 98 से ज्यादा प्रतिशत से ज्यादा और डीडवाना-कुचामन जिले में 88 प्रतिशत तक बोई गई है।
गिर जाता है उत्पादन
सीकर कृषि खंड के चार जिलों में खरीफ सीजन में मूंगफली में जड़ गलन रोग से 35,000 हेक्टेयर, ग्वार का करीब 65 हजार और चंवळा का करीब 23 हजार हेक्टैयर क्षेत्र प्रभावित है। किसानों का कहना है कि अगर अगले 10-12 दिन में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो फसलों में रोग-कीट का प्रकोप और बढ़ जाएगा, जिससे पैदावार में 20-30 प्रतिशत तक की गिरावट संभव है। रोग कीट का प्रकोप दलहन की फसलों में होता है। किसानों के अनुसार नमी के कारण जुलाई माह में जमीन में दबे अंडों से कीट बाहर निकलने लगते है। जिससे दलहन की फसल प्रभावित होती है। ऐसे में साहूकारों से ब्याज लेकर फसल बोने वाले किसानों की चिंताएं बढ़ गई है।
फैक्ट फाइल
सीकर जिला
ज्वार-522
बाजरा-253429
मूंग-36457
मोठ-1563
चवंळा-13294
मूंगफली-29784
तिल-176
ग्वार-97729
इनका कहना है
मानसून की बम्पर बारिश के कारण खरीफ की फसलों की बढ़वार अच्छी हुई लेकिन अब बारिश की कमी के कारण खरीफ की फसलों में रोग कीट का प्रकोप नजर आ रहा है। जल्द ही बारिश नहीं हुई तो फसलों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ेगा। इस संबंध में फील्ड स्टॉफ से जानकारी मांगी जा रही है।
एसआर कटारिया, अतिरिक्त निदेशक कृषि खंड सीकर
Updated on:
14 Aug 2025 11:39 am
Published on:
14 Aug 2025 11:38 am