उत्तर प्रदेश में जमीनों के सर्किल रेट में हाल ही में हुई बढ़ोतरी ने कई शहरों को देश के सबसे महंगे शहरों की सूची में ला खड़ा किया है। नोएडा ने इस मामले में बाजी मार ली है और राज्य का सबसे महंगा शहर बनकर उभरा है। वहीं, लखनऊ भी अब देश के टॉप-10 महंगे शहरों में शामिल हो गया है, लेकिन गाजियाबाद ने सर्किल रेट में बढ़ोतरी के बाद लखनऊ को पछाड़कर राज्य में दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। आइए, जानते हैं उत्तर प्रदेश के उन टॉप शहरों के बारे में जहां जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं और नए सर्किल रेट ने क्या बदलाव लाए हैं।
1 अगस्त 2025 से उत्तर प्रदेश के कई शहरों में नए सर्किल रेट लागू कर दिए गए हैं। लखनऊ में 10 साल बाद सर्किल रेट में बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते जमीन, मकान, फ्लैट और कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदना अब लाखों रुपये महंगा हो गया है। नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, झांसी, मेरठ और बरेली जैसे शहरों में भी नए सर्किल रेट लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन शहरों की जमीनें अब देश के मेट्रो शहरों को कड़ी टक्कर दे रही हैं।
उत्तर प्रदेश में नोएडा ने सबसे महंगे शहर का तमगा हासिल किया है, जहां सर्किल रेट ने रियल एस्टेट मार्केट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। गाजियाबाद ने लखनऊ को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान पक्का किया है। लखनऊ तीसरे नंबर पर है, लेकिन देश के टॉप-10 महंगे शहरों में शामिल होने के साथ यह रियल एस्टेट के मामले में तेजी से उभर रहा है।
लखनऊ के प्रमुख रिहायशी इलाकों जैसे गोमती नगर, गौतम पल्ली, अंसल, आलमबाग, वृंदावन योजना, महानगर और हजरतगंज में सर्किल रेट में 30% से लेकर 130% तक की बढ़ोतरी देखी गई है। इन इलाकों में अब सर्किल रेट 33 हजार से 77 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी ने प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए लागत को काफी बढ़ा दिया है, लेकिन रियल एस्टेट मार्केट में पारदर्शिता और सरकार के राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि सर्किल रेट में बदलाव जरूरी था, क्योंकि कई इलाकों में मार्केट रेट पहले ही सर्किल रेट के करीब पहुंच चुके थे। इससे टैक्स चोरी की संभावना बढ़ रही थी। नए रेट लागू होने से न केवल सरकार का राजस्व बढ़ेगा, बल्कि रियल एस्टेट मार्केट में पारदर्शिता भी आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव लंबे समय तक स्थिरता लाएगा और प्रॉपर्टी मार्केट को और मजबूत करेगा।
लखनऊ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज को एकमुश्त ऑनलाइन जमा करने पर 10% की छूट देने की घोषणा की है, लेकिन यह सुविधा 31 अगस्त 2025 तक ही उपलब्ध है। कमर्शियल बिल्डिंग्स पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से टैक्स जमा करने पर 5% की छूट मिल रही है, जो अप्रैल 2025 से लागू है और जल्द खत्म होने वाली है।
Published on:
11 Aug 2025 05:16 pm