Chikungunya Virus in China : चीन के दक्षिणी शहर फोशान में अधिकारी चिकनगुनिया से निपटने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। ये मच्छरों से फैलने वाली दर्दभरी बीमारी है जो पूरे चीन में फैल सकती है। सैनिक मास्क पहनकर सड़कों और पार्कों में कीटनाशक छिड़क रहे हैं। मच्छरों के ठिकानों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। वैज्ञानिकों ने ऐसे बड़े मच्छर तैयार किए हैं जो खतरनाक मच्छरों के लार्वा खा जाते हैं और तालाबों में हजारों मच्छर खाने वाली मछलियां छोड़ी गई हैं।
आपको बता दें कि संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलने वाला चिकनगुनिया वायरस शायद ही कभी जानलेवा होता है लेकिन यह बुखार और जोड़ों में तेज दर्द का कारण बनता है। इसने चार हफ्तों में चीन में लगभग 8,000 लोगों को संक्रमित किया है जिनमें से ज्यादातर फोशान सिटी में हैं। 2008 में इस वायरस के पहली बार चीन में उभरने के बाद से यह देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्रकोप है। जानकारों का कहना है कि दुनिया का तापमान बढ़ने की वजह से अब वहां मौसम ज्यादा गर्म और नम हो गया है जिससे मच्छर तेजी से बढ़ रहे हैं।
इस महामारी से लड़ने के लिए अधिकारी कोविड महामारी के दौरान अपनाई गई एक जानी-पहचानी रणनीति का भी सहारा ले रहे हैं। एक करोड़ की आबादी वाले शहर को एक जन स्वास्थ्य अभियान शुरू किया गया है। कुछ लोगों के लिए यह कोविड की दुखद यादें ताजा कर रहा है।
शहर की इमारतों पर कर्मचारी लोगों को अंदर जाने देने से पहले उन पर मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव कर रहे हैं। लाल जैकेट पहने सामुदायिक कार्यकर्ता घर-घर जाकर घरों का निरीक्षण कर रहे हैं और उनके घर में जमा पानी को बाहर निकालने की सलाह दे रहे हैं। सरकारी जानकारी के मुताबिक अगर कोई सहयोग नहीं करता तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और अगर मामला ज्यादा गंभीर हुआ तो उस पर बीमारी फैलने से रोकने में बाधा डालने के लिए केस भी चल सकता है। गुइचेंग जिले की एक की समिति द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार सहयोग न करने पर कम से कम पांच घरों की बिजली काट दी गई है।
जब चीन में कोविड-19 फैला तो देश ने दुनिया के कुछ सबसे सख्त उपाय लागू किए थे बहुत ज्यादा नापसंद की जाने वाली शून्य कोविड नीति जिसमें बड़े पैमाने पर परीक्षण, शहर भर में लॉकडाउन, अनिवार्य क्वारंटाइन और लोगों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखना शामिल था।
लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म रेडनोट पर लोगो का कहना है कि सामुदायिक कार्यकर्ता उन्हें पानी के सभी बर्तन खाली करने का आदेश दे रहे हैं जिसमें उनके कुत्तों के लिए पानी के कटोरे भी शामिल हैं। कुछ लोगों ने शिकायत की कि पुलिसिंग जरूरत से ज्यादा है।
रेडनोट पर मैसेज के जरिए जिन दो निवासियों से संपर्क किया गया था और जो बदले की कार्रवाई के डर से अपना नाम नहीं बताना चाहते थे उन्होंने द न्यू यॉर्क टाइम्स को बताया कि कर्मचारी उनकी अनुमति के बिना उनके घरों में जमा पानी की तलाश में घुस आए। दो अन्य लोगों ने बताया कि उनके पेड़ पौधों को वह से हटा दिया गया या उनके सामने ही नष्ट कर दिया गया।
हांगकांग के ठीक पास फोशान और ग्वांगडोंग प्रांत के बाकी शहरों में जिन लोगों में वायरस मिला है उन्हें क्वारंटीन वार्ड भेजा जा रहा है। जहां उन्हें मच्छरदानी और जालियों के पीछे रहना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने बताया कि उनके पास अपना खर्चा उठाकर अस्पताल जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। प्रकोप के दौरान मच्छर तेजी से वायरस फैला सकते हैं। ये बीमार इंसान से वायरस लेकर दूसरों को भी बीमार कर सकते हैं।
8 जुलाई को फोशान में चिकनगुनिया का एक बाहर से आया मामला सामने आने के बाद संक्रमण तेजी से फैला। अब नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे हर सुबह कम से कम तीन मिनट रुक-रुक कर पानी के सभी बर्तनो की सफाई करें। सरकारी एजेंसियों के कर्मचारियों को तब तक घर नहीं जाना चाहिए जब तक वे पौधों के होल्डर, चाय की ट्रे, अधूरे पेय पदार्थों और छत के ऊपर भरे पानी की अच्छी तरह जांच न कर लें।
हांगकांग विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर रेन चाओ ने कहा , प्रजनन के लिए मच्छरों को वास्तव में बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। वे कोक की बोतल के ढक्कन में भी फैल सकते हैं और प्रजनन कर सकते हैं। प्रोफेसर रेन चाओ शहरी क्षेत्रों में मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर शोध कर रहे हैं।
संक्रमित लोगों के लिए अनिवार्य क्वारंटीन जैसे सबसे कठोर कदम अभी तक लागू नहीं किए गए हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के महामारी संबंधी उपायों को जरूरत पड़ने पर तुरंत लागू करने के लिए डिजाइन किया गया है।
वैश्विक स्वास्थ्य मामलों के जानकार यानझोंग हुआंग ने कहा कि असल में सरकार फिर से वही सख्त तरीका अपना रही है जैसा कोविड के वक्त अपनाया था – मतलब जीरो टॉलरेंस नीति लोगों की भागीदारी, कड़ी निगरानी और बार-बार जांच के जरिए डर का माहौल बनाना।
डॉ. हुआंग ने कहा कि पहले की लामबंदी के साथ भी समानताएं हैं। 1950 के दशक के अंत में चूहों, मक्खियों, मच्छरों और गौरैया को खत्म करने के लिए कुख्यात चार कीट अभियान के कारण चीन में गौरैया का बड़े पैमाने पर सफाया हो गया और टिड्डियों की संख्या में वृद्धि हुई जिससे अकाल की स्थिति पैदा हो गई।
डॉ. हुआंग ने कहा कि ये तरीका असल में माओ के जमाने की जन स्वास्थ्य मुहिम जैसा ही है जहां बड़ी तादाद में लोगों को एक साथ जोड़ा जाता है। इसका मकसद किसी खास बीमारी को रोकना होता है लेकिन इससे कुछ ऐसे नतीजे भी निकल सकते हैं जो पहले से सोचे नहीं गए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बूढ़े रोगियों, नवजात शिशुओं और पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। अधिकांश लोग एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं लेकिन जोड़ों का दर्द महीनों तक रह सकता है।
इस प्रकोप को लेकर विदेशों में भी चिंता बढ़ गई है। अमेरिका के रोग नियंत्रण विभाग (CDC) ने शुक्रवार को ग्वांगडोंग के लिए लेवल 2 की ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें यात्रियों से कहा गया है कि मच्छरों से बचकर रहें और आने से पहले वैक्सीन जरूर लगवा लें। अमेरिका में इस वायरस के लिए दो मंजूर टीके मौजूद हैं लेकिन ये चीन में उपलब्ध नहीं हैं। अमेरिकी यात्रा चेतावनी के बारे में रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने पिछले सप्ताह कहा था कि चीन में संक्रमण नियंत्रण में है।
यूरोपीय रोग निवारण एवं नियंत्रण केंद्र के अनुसार इस वर्ष दुनिया भर में चिकनगुनिया के लगभग 2,40,000 मामले सामने आए हैं और इस वायरस से 90 मौतें हुई हैं दक्षिण अमेरिकी देश सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
गुआंगडोंग के गवर्नर वांग वेइज़होंग ने शनिवार को सभी अधिकारियों को आदेश दिया कि वे लोगों को छतों और आंगन की सफाई करने, मच्छर भगाने वाली कॉइल जलाने, खिड़कियों पर जाली लगाने और अपने बिस्तरों पर मछरदानी जरूर लगाएं। उन्होंने कहा, हमें महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
फोशान में बुखार या दर्द की दवा लेने वालों पर निगरानी शुरू हो गई है जिससे लोग डेटा के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं। शहर में रात को मच्छर भगाने के संदेश दिए जा रहे हैं। एक वर्कर ने बताया कि वह दिनभर इलाके में घूमकर निगरानी करती हैं।
कुछ निवासियों के लिए इस अभियान का विरोध करने का कोई मतलब नहीं है। फोशान में रहने वाली 22 वर्षीय साइ चेन जो हाल ही में स्नातक हुई हैं को घर लौटने के बजाय, पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रहने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, मैं पहले से ही संक्रमित थी, इसलिए परेशान होने का कोई फायदा नहीं था। मैं सहयोग कर सकती हूं।
चिकनगुनिया के लक्षण अचानक और तेजी से सामने आते हैं। अगर किसी को संक्रमित मच्छर काट ले, तो 2 से 7 दिनों के भीतर ये लक्षण दिख सकते हैं:
तेज बुखार: अचानक 102 डिग्री फ़ारेनहाइट से ज्यादा बुखार आना इसका सबसे पहला लक्षण है।
भयानक जोड़ों का दर्द: यही चिकनगुनिया की सबसे बड़ी पहचान है। जोड़ों में इतना दर्द होता है कि इंसान सीधा खड़ा न हो पाए। खासकर हाथों, पैरों, कलाई, और घुटनों में यह दर्द असहनीय होता है।
मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द: शरीर में भयानक दर्द और सिर भारी रहना भी इसके आम लक्षण हैं।
त्वचा पर लाल चकत्ते (रैश): कई बार शरीर पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने भी निकल आते हैं।
डेंगू की तरह चिकनगुनिया से तुरंत जान का खतरा कम होता है लेकिन इसका असर कहीं ज्यादा लंबा और परेशान करने वाला होता है। जहां ज्यादातर लोग एक हफ्ते में बुखार से ठीक हो जाते हैं वहीं जोड़ों का दर्द महीनों तक, और कई मामलों में तो सालों तक बना रह सकता है।
Updated on:
07 Aug 2025 11:44 am
Published on:
07 Aug 2025 11:24 am