जन्माष्टमी पर्व नजदीक आते ही जयपुर के कृष्ण मंदिरों में कान्हा के स्वागत की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। गोविंददेवजी मंदिर में बधाई गान की शुरुआत के साथ ही रंग-बिरंगी झालरों व रोशनी से सजावट की जा रही है।
गोविंद देवजी मंदिर में जन्माष्टमी पर्व पर श्रद्धालुओं को सिर्फ भारतीय परिधान में प्रवेश दिया जाएगा। 15 अगस्त को मंदिर छावण क्षेत्र में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा। इस दौरान श्रद्धालु तय गेट और रूट से ही मंदिर में दर्शन कर सकेंगे।
16 अगस्त की रात 10 से 11 बजे तक जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ गोविंद मिश्र करेंगे। रात 12 बजे ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक होगा। 31 तोपों की हवाई गर्जना और विशेष आतिशबाजी की जाएगी।
तीन हजार कार्यकर्ता व 150 स्काउट मंगला झांकी से लेकर अभिषेक समाप्त होने तक सेवा में लगे रहेंगे। दर्शनों के लिए लगभग 13 एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी।
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक तीन साल बाद वृद्धि योग, ध्रुव योग और कृतिका नक्षत्र जैसे विशेष संयोग में पर्व मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में रहेगा।
यह दुर्लभ योग भगवान कृष्ण के जन्म के समय भी बना था। इसके अलावा सूर्य और बुध के कर्क राशि में होने से बुधादित्य योग बनेगा। इस अवधि में व्रत करने का विशेष फल मिलेगा।