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Rape Case at Gun Point : पीलीभीत में घर में अकेली महिला से दुष्कर्म के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय आया है। कोर्ट ने मेडिकल साक्ष्यों के अभाव में पीड़िता की विश्वसनीय गवाही के आधार पर दोनों दोषियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, विश्वसनीय गवाही अकेले भी दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त हो सकती है।
2017 की यह घटना गजरौला थाना क्षेत्र के एक गांव की है। जहां पर महिला का पति शहर से बाहर गया हुआ था। महिला अपने चार बच्चों के साथ घर में अकेली थी, जिसमें एक 18 महीने की मासूम बच्ची भी थी, जो अपनी मां के पास आराम कर रही थी। इसी दौरान महिला के दो चचेरे देवर मौका देख जबरदस्ती घर में घुस कर बंदूक की नोक पर महिला का बलात्कार किया, जिसके विरूद्ध में महिला ने गजरौला थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी।
पीड़िता के दिये बयान के अनुसार वह 30 जून, 2017 को अपनी 18 महीने की बेटी के साथ घर पर अकेली थी। दोनों आरोपी जबरन उसके घर में घुस आए और बंदूक की नोक पर उसके साथ बलात्कार किया।
कोर्ट ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त सजा भी हो सकती है।
घटना के बाद दोनों दोषी फरार हो गए, जिसके कारण जांच में देरी हो गई थी। 33 दिन बाद दोनों दोषी को पकड़ा गया और मेडिकल जांच की गई। जांच में देरी के कारण डॉक्टर भौतिक साक्ष्य बरामद नहीं कर सके। जिला महिला अस्पताल की पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनीता चौरसिया ने कहा, इतने लंबे समय के बाद यौन उत्पीड़न के लक्षणों का पता लगाना लगभग असंभव है।
Published on:
11 Oct 2025 05:46 pm
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