
किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी विवाद से मचा भूचाल | Image Source - 'X' @IANS
Mamta Kulkarni Controversy Prayagraj News: महाकुंभ में सबसे ज्यादा सुर्खियों में आया किन्नर अखाड़ा अब दो हिस्सों में बंट गया है। अखाड़े की महामंडलेश्वर और उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देकर नया अखाड़ा बनाने की घोषणा कर दी। उन्होंने इसे सनातनी किन्नर अखाड़ा नाम दिया है। वहीं, किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि नया अखाड़ा बनने की जानकारी उन्हें मीडिया के जरिए हुई है।
एक मीडिया चैनल से बातचीत में टीना मां ने कहा कि किन्नर अखाड़ा अपने उद्देश्य से भटक गया है, जिसके लिए इसे स्थापित किया गया था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मेरी विचारधारा अब इस अखाड़े से मेल नहीं खाती, इसलिए मैं उससे अलग हो गई हूं। उन्होंने बताया कि नए सनातनी किन्नर अखाड़े को सोमवार को औपचारिक रूप से गठित कर दिया गया है और यह अखाड़ा सनातन मूल्यों को मजबूत करने के लिए काम करेगा।
टीना मां ने कहा कि उनका नया अखाड़ा सनातन परंपराओं के प्रसार और संरक्षण के लिए समर्पित रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि सनातन की रक्षा के लिए अपने जनों की आहुति भी देनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। उनके अनुसार यह अखाड़ा धर्म, संस्कृति और समाज में किन्नर समुदाय की सकारात्मक भूमिका को मजबूत करेगा।
प्रयागराज के सेक्टर-16 स्थित किन्नर अखाड़ा महाकुंभ 2025 के दौरान सुर्खियों में रहा। आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में यह अखाड़ा संचालित हो रहा था। इसी दौरान टीना मां और अखाड़े के शीर्ष नेतृत्व के बीच अंदरूनी विवाद उभरने लगा, जो समय के साथ बढ़ता गया और अब यह खुली टूट में बदल गया।
किन्नर अखाड़े में बॉलिवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने का निर्णय भी विवाद का कारण बना। नए सनातनी किन्नर अखाड़े में शामिल भवानी मां ने कहा कि ममता कुलकर्णी का नाम देशद्रोही दाऊद से जुड़ा है। ऐसे लोगों को अखाड़े में ऊँचा पद देना अस्वीकार्य है। इस मुद्दे ने अखाड़े के भीतर असहमति को और बढ़ा दिया था।
टीना मां को 2019 के कुंभ मेले में पीठाधीश्वर बनाया गया था, जबकि 2021 में उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रदेश सरकार ने उन्हें किन्नर कल्याण बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त किया है। टीना मां बताती हैं कि आज समाज के हर वर्ग से लोग उनके आश्रम में आते हैं। वे 40 किन्नर बच्चों की अभिभावक हैं और उनके सभी दस्तावेजों में उनका नाम दर्ज है।
टीना मां का जन्म देहरादून के विकास नगर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। पिता टेकनारायण शर्मा सेना में थे। छह महीने की उम्र में सामाजिक दबाव के कारण उन्हें गुरु सलमा को सौंप दिया गया।
टीना मां कहती हैं कि किन्नर होने के कारण उन्हें अपने माता-पिता और भाई-बहनों का प्यार नहीं मिल पाया। गुरु ही उनके लिए माता-पिता बने और उनके सभी जीवन दस्तावेजों में गुरु का ही नाम दर्ज है।
Published on:
03 Nov 2025 04:10 pm
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