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भारतीय रेलवे अपने महत्वाकांक्षी मिशन रफ्तार के तहत दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इस रूट पर ट्रेनें जल्द ही 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। पहला ट्रायल 11 अक्टूबर को चिपियाना बुजुर्ग से टुंडला के बीच 190 किलोमीटर के हिस्से में होगा। अगर यह ट्रायल सफल रहा, तो नई दिल्ली से टुंडला तक का यह हिस्सा देश का पहला रेलखंड बन जाएगा, जहां ट्रेनें इतनी तेज गति से चलेंगी। इसके बाद टुंडला-कानपुर, कानपुर-प्रयागराज और प्रयागराज-पंडित दीन दयाल उपाध्याय के बीच भी ट्रायल होंगे।
दिल्ली-हावड़ा रूट भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है। इस 1433 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मिशन रफ्तार के लिए 6974.50 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें से 1002.12 करोड़ रुपये पहले ही जारी हो चुके हैं। वर्तमान में इस रूट पर ट्रेनें 90 से 130 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं, लेकिन रेलवे का लक्ष्य मार्च 2026 तक 160 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल करना है।
इस प्रोजेक्ट की सफलता में सबसे अहम है ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम, जो अब गाजियाबाद से डीडीयू तक 760 किलोमीटर में पूरा हो चुका है। यह तकनीक कई ट्रेनों को एक साथ तेज और सुरक्षित गति से चलाने में मदद करती है और मानवीय गलतियों को कम करती है।
इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिन्ग, इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई, डेटा लॉगर, ड्यूल एक्सल काउंटर, ऑटो रीसेट सिस्टम और अर्थ लीकेज डिटेक्टर जैसी आधुनिक तकनीकें लगाई जा रही हैं। इससे तेज रफ्तार में भी सिग्नलिंग में कोई रुकावट नहीं आएगी।
Published on:
09 Oct 2025 09:55 pm
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