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ग्रीन सस्टेनेबल की प्रस्तावित लाइमस्टोन माइंस की लोकसुनवाई निरस्त, वायरल हुआ आदेश… अब नजरें पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट पर

Raigarh News: मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैनुफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा ग्राम लालाधुरवा में प्रस्तावित चुना पत्थर खदान के लिए पिछले दिनों आयोजित लोकसुनवाई का ग्रामीणों ने बहिष्कार कर दिया।

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ग्रामीण नहीं पहुंचे तो लोकसुनवाई रद्द (फोटो सोर्स- Shutterstock)

ग्रामीण नहीं पहुंचे तो लोकसुनवाई रद्द (फोटो सोर्स- Shutterstock)

CG News: मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैनुफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा ग्राम लालाधुरवा में प्रस्तावित चुना पत्थर खदान के लिए पिछले दिनों आयोजित लोकसुनवाई का ग्रामीणों ने बहिष्कार कर दिया। अब इस लोक सुनवाई को लेकर लोगों की नजर पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट पर है। हालांकि पर्यावरण विभाग भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि लोगों ने अपनी बातें नहीं रखी।

जिले में पूर्व में कई उद्योगों की लोकसुनवाई में विरोध हुआ, लेकिन विरोध प्रदर्शन के बाद तय तिथी में ग्रामीण अपनी बातें रखने के लिए मंच पर पहुंच जाते हैं, लेकिन सारंगढ़ जिले के ग्राम लालाधुरवा में आयोजित लाइम स्टोन माइंस के लिए ग्रीन सस्टेनेबल मैनुफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड की लोकसुनवाई में पहली बार ग्रामीणों का बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला।

पहले तो प्रशासनिक टीम को लोकसुनवाई के लिए टेंट ही नहीं लगाने दिया, बाद में प्रशासन द्वारा एक गौठान में किसी तरह से लोकसुनवाई करने का प्रयास किया गया, लेकिन यहां भी ग्रामीण नहीं पहुंचे और बहिष्कार कर दिए। ऐसी स्थिति में इस लोकसुनवाई को निरस्त माना जा रहा है। इस मामले को लेकर प्रशासन की ओर से एसडीएम वर्षा बंसल ने भी मौके पर लोकसुनवाई निरस्त करने का आदेश दे दिया है, लेकिन इसके बाद अब लोगों की नजर पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट पर है, क्योंकि लोकसुनवाई के बाद पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट पर ही शासन व एनजीटी आदेश करेगी।

वायरल हुआ आदेश

उसी दिन ही एसडीएम वर्षा बंसल का लोकसुनवाई को निरस्त करने का जारी आदेश सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी इस आदेश को स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन इसे अभिमत के रूप में पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट में शामिल करने की बात कही जा रही है।

क्या कहते हैं कानून के जानकार

अधिवक्ता प्रवीण त्रिपाठी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि लोकसुनवाई इसलिए कराया जाता है ताकि खुले मंच में बिना डर भय व दबाव के लोगों अपनी बात रख सकते हैं। ग्रीन सस्टेनेबल की लोक सुनवाई में जब कोई भी प्रभावित अपनी बात रखें ही नहीं तो ऐसी स्थिति में तो यह लोकसुनवाई स्वमेव निरस्त मानी जाएगी। जिस तरह से एसडीएम द्वारा दबाव में आकर निरस्त का आदेश जारी करना बताया जा रहा है तो ऐसी स्थिति में यह पूरी तरह से प्रशासनिक नाकामयाबी है, जब पुलिस बल की उपस्थिति में प्रशासनिक अधिकारी दबाव में आ सकता है तो ऐसी स्थिति में ग्रामीण अपनी बात बिना भय के कैसे रखेंगे।

प्रभावितों ने ग्रीन सस्टेनेबल के लोकसुनवाई का बहिष्कार किया है, जिसके कारण कोई भी अपनी बातें नहीं रखे। ग्रामीणों ने एसडीएम को घेर लिया था जिससे वह लोकसुनवाई निरस्त करने संबंधी पत्र लिखी। यह पत्र पर्यावरण विभाग के रिपोर्ट में शामिल करते हुए शासन को भेजा जाएगा। -डॉ. संजय कन्नौजे, कलेक्टर सारंगढ़