Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

टेंडर में गड़बड़ी का आरोप! MMU चलाने का अनुभव नहीं फिर भी दे दिया ठेका, CGMSC पर उठ रहे सवाल…

CGMSC News: आदिवासी क्षेत्रों में चलने वाली प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान मोबाइल मेडिकल यूनिट (पीएम जनमन एमएमयू) के वर्कऑर्डर पर सवाल उठ रहे हैं।

2 min read
Google source verification
टेंडर में गड़बड़ी का आरोप! MMU चलाने का अनुभव नहीं फिर भी दे दिया ठेका, CGMSC पर उठ रहे सवाल...(photo-patrika)

टेंडर में गड़बड़ी का आरोप! MMU चलाने का अनुभव नहीं फिर भी दे दिया ठेका, CGMSC पर उठ रहे सवाल...(photo-patrika)

CGMSC News: छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में चलने वाली प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान मोबाइल मेडिकल यूनिट (पीएम जनमन एमएमयू) के वर्कऑर्डर पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि सीजीएमएससी ने अनुभव न रखने वाली एजेंसी को ठेका देकर नियमों का उल्लंघन किया है। एजेंसी ने टेंडर जमा करने के समय 6 स्वास्थ्य परियोजना के अनुभव का दावा किया था। सत्यापन के बाद केवल दो परियोजनाएं वास्तविक व संतोषप्रद पाई गईं। बाकी में संचालन खराब दिखा।

CGMSC News: पीएम-जनमन मोबाइल यूनिट के टेंडर में कई खामियां

बताया जा रहा है कि दावा की गई परियोजनाओं में से कोई भी मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) से संबंधित नहीं है। एमएमयू परियोजनाओं को एक एजेंसी को देना जो एमएमयू का अनुभव नहीं रखती है, गलत है। यही नहीं यह गुणवत्ता, समय पर काम व एजेंसी की क्षमता पर भी गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं।

दावा किया जा रहा है कि चयनित एजेंसी द्वारा निर्मित एमएमयू निविदा में उल्लेखित अनुमोदित डिजाइन और तकनीकी विशिष्टताओं के अनुरूप नहीं है। वाहन का साइज, आंतरिक बनावट, रोगी के प्रवेश व बाहर निकलने के लिए व्यवस्था असंगत है। विभागीय अनुमोदन हुए बिना कई वाहन पहले से ही सरकारी परिसर में खड़े हैं। इस पर सवाल उठ रहे हैं।

18 जिलों में होगा संचालन, दावा- सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था

मोबाइल मेडिकल यूनिट 18 आदिवासी जिलों में चलेगी। ये योजना कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बिलासपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, कवर्धा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बलौदाबाजार, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, बलरामपुर, जशपुर, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर व सरगुजा जैसे 18 पीवीटीजी जिलों के सबसे ज्यादा आदिवासी और कमजोर क्षेत्रों में शुरू की जाएगी। योजना के तहत टीबी, मलेरिया, कुष्ठ रोग का उच्च प्रसार, अपर्याप्त पोषण को दूर किया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि कम टीकाकरण कवरेज को सुधारने पर भी फोकस किया जाएगा।