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अस्थमा की वजह से चुनी CS ब्रांच, ओवरऑल टॉपर बनीं आर्या, पढ़ाई के बदले इंटरव्यू पर किया फोकस…

CG News: रायपुर एनआईटी का 16वां दीक्षांत समारोह 9 नवंबर को डीडीयू ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। मुख्य अतिथि जम्मू व कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा होंगे।

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अस्थमा की वजह से चुनी CS ब्रांच, ओवरऑल टॉपर बनीं आर्या(photo-patrika)

अस्थमा की वजह से चुनी CS ब्रांच, ओवरऑल टॉपर बनीं आर्या(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर एनआईटी का 16वां दीक्षांत समारोह 9 नवंबर को डीडीयू ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। मुख्य अतिथि जम्मू व कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा होंगे। विशिष्ट अतिथि रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जी. सतीश रेड्डी होंगे। समारोह में इंस्टिट्यूट की ओवरऑल टॉपर (9.70 सीपीआई) आर्या श्रीवास्तव को दो गोल्ड मेडल प्रदान किए जाएंगे।

CG News: एआई की जरूरत

पत्रिका से खास बातचीत में आर्या ने बताया, मैं ई- कॉमर्स कंपनी एमेजन में सॉफ्टवेयर डेवलपर हूं। 11वीं क्लास के आखिर में जेईई की तैयारी शुरू कर दी। भाई ने मुझे मोटिवेट किया। मेंस में 97.89 परसेंटाइल मिला और एनआईटी में इलेक्ट्रानिक्स ब्रांच में एडमिशन लिया। मुझे अस्थमा है इसलिए मैंने सीएस ब्रांच को चुना ताकि फील्ड में जाना नहीं पड़े।

स्कूलिंग के समय तीसरे या चौथे पोजीशन में रहती थी। मेरे पिता कॉलेज में मर्चेंट नेवी का सब्जेक्ट्स पढ़ाते है और मां भी पहले टीचर थीं। आज के समय में एआई जरूरी हो गया है। नई तकनीकों को अपने काम में शामिल करना बेहद जरूरी है। अब हर इंडस्ट्री में एआई का रुझान है कोडिंग के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है।

तीसरे इंटर्नशिप के बाद मिली जॉब

45 लाख रुपए एलपीए पर मैं एमेजन में सॉफ्टवेयर डेवलपर हूं। मेरी इंटर्नशिप थर्ड ईयर से ही इंटर्नशिप शुरू कर दिया था। प्राइवेट बैंक के साथ माइक्रोसॉफ्ट और एमेजन बेंगलुरू में कैंपस इंटर्नशिप किया। इसके बाद एमेजन में जॉब लगी। मेरी जर्नी में परिवार, दोस्त और टीचर्स का पूरा सहयोग मिला।

स्ट्रेस मैनेजमेंट

ग्रुप डिस्क्शन करती थी। दोस्तों से मिलती थीं। बैडमिंटन खेलती थी। रोज रात 30 मिनट के लिए टहलने जाती थ्ज्ञी। हमारा एक ग्रुप था जिसमें हम कोडिंग पर चर्चा करते थे वही मेरा स्ट्रेस दूर करने का अच्छा तरीका था।

जूनियर्स को मैसेज

स्टूडेंट्स को 60-40 का अनुपात रखना चाहिए। 60 प्रतिशत फोकस डीएसए और कोडिंग की तैयारी में और 40 प्रतिशत कॉलेज की पढ़ाई पर। कॉलेज की पढ़ाई और जॉब इंटरव्यू में फर्क होता है, इसलिए सालभर डीएसए और कोडिंग पर फोकस करते थे। मैं डेली लेक्चर अटेंड करती थी।

प्रोफेसर की सारी बातों को नोटबुक में लिख लेती थी। परीक्षा से करीब 2-3 हफ्ते पहले अपने नोट्स, किताबें और लेक्चर पढ़ लेती थी। यही मेरी स्ट्रैटेजी थी। मेरा पूरा सेमेस्टर कोडिंग, डीएसए, ओएस, डीबीएमएस की तैयारी में बीता, जो ज्यादातर इंटरव्यू में पूछे जाते हैं।