Gold Silver Rate: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाए जाने के बाद भी सोना लोगों के लिए खास बना हुआ है। कीमतें बढ़ने के बाद भी इसकी डिमांड बनी है। खरीदार अपनी जरूरत के अनुसार सोना-चांदी की खरीदी करने के साथ निवेश कर रहे हैं। त्योहारी सीजन को देखते हुए सराफा कारोबारियों ने इसकी कीमतों में और अधिक इजाफा होने की संभावना जताई है।
उनका कहना है कि दिवाली तक सोना 1 लाख 25 हजार प्रति 10 ग्राम और चांदी प्रति किलो 1 लाख 20,000 रुपए के पार जा सकता है। सराफा कारोबारियों का कहना है अमरीका के राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद से शेयर मार्केट से लेकर ट्रेडिंग कंपनियों और बाजार में अस्थिरता का माहौल देखने को मिल रहा है।
सोने की खपत 60 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों और 40 फीसदी शहरी क्षेत्रों में होती है। इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो कि कभी भी आवश्यकता में एक मुद्रा का काम करता है। इसे देखते हुए सोने की ज्वेलरी से बार और सिक्कों कि डिमांड बढ़ी है। पिछली तिमाही से ज्वेलरी कि खपत 10 फीसदी कम, लेकिन मूल्यांकन के आधार पर 31 फीसदी की बढ़त हुई है।
पहले उपभोक्ताओं को सोना की कीमत कम होने की आशंका के चलते नुकसान होने का संशय रहता था, लेकिन पिछले कुछ समय से कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए उपभोक्ताओं कि मानसिकता बदल गई है। सुरक्षित निवेश को देखते हुए बाजार भाव बढ़ने के बाद भी खरीदारी पर असर नहीं पड़ा है।
सोना (24 कैरेट) 104100
सोना (22 कैरेट) 95800
सोना (20 कैरेट) 87450
चांदी (प्रति किलो) 118400
छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के महासचिव प्रकाश गोलछा का कहना है कि चीन पिछली तिमाही में बैंकों द्वारा 166 टन की खरीद की गई है। वहीं, चांदी व कॉपर इंडस्ट्रीज क्षेत्र में बैटरी बनाने का उपयोग करने से इसकी खपत बढ़ी है। इससे कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है।
सोना में सबसे अधिक निवेश दक्षिण भारत के राज्यों में होती है। सोना का भाव 1 लाख 3 हजार तक बढ़ने पर 95 से 120 टन खपत का अनुमान है। वहीं, कीमतें कम होने पर खपत 160 से 170 टन तक पहुंच सकती है। सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि भारत से अमरीका गोल्ड ज्वेलरी से अधिक डायमंड भेजा जाता है। टैरिफ लगाने से वहां के नागरिकों के लिए उतना ही महंगा मिलेगा। यहां के समान की खपत कम होने से भारत का व्यापार प्रभावित होगा।
Published on:
09 Aug 2025 10:35 am