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CG News: चैन की नींद सो रहा फूड एंड ड्रग विभाग, एक सप्ताह बाद दिवाली लेकिन कहीं भी जांच नहीं, न सैंपल ले रहे

CG News: राजधानी की किसी भी दुकान में मिठाइयों की ट्रे पर बेस्ट बिफोर डेट या एक्सपायरी डेट नहीं लिखी जा रही है। आदेश के पहले तक हर ट्रे पर ये डेट लिखी रहती थी। इसमें पांच दिनों से सप्ताहभर की डेट होती थी।

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CG News: चैन की नींद सो रहा फूड एंड ड्रग विभाग, एक सप्ताह बाद दिवाली लेकिन कहीं भी जांच नहीं हो रही, न सैंपल ले रहे

CG News: दिवाली आने में महज सप्ताहभर बाकी है, लेकिन राजधानी में किसी भी मिठाई दुकान में जांच शुरू नहीं हुई है। फूड एंड ड्रग विभाग के अधिकारी सैंपल तब लेते हैं, जब काफी मात्रा में मिठाइयां खप जाती हैं। यही नहीं सैंपल ले भी लिए तो रिपोर्ट महीनों बाद आती है। अधिकारियों के सुस्त रवैये के कारण लोग मिलावटी मिठाई खाने के लिए मजबूर हैं। दिवाली में केवल राजधानी में ही एक अनुमान के अनुसार 40 से 50 करोड़ की मिठाई बिक जाती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन फूड सेटी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने मिठाइयों के बेस्ट बिफोर या एक्सपायरी डेट लिखने संबंधी आदेश डेढ़ साल पहले वापस ले लिया था। मिठाइयों में वैसे ही शुद्धता की गारंटी नहीं होती। ऐेसे में ये आदेश विशेषज्ञों के अनुसार लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ जैसा है। इसका पूरा फायदा मिठाई कारोबारी उठा रहे हैं।

एफएसएसएआई के आदेश के बाद राजधानी की किसी भी दुकान में मिठाइयों की ट्रे पर बेस्ट बिफोर डेट या एक्सपायरी डेट नहीं लिखी जा रही है। आदेश के पहले तक हर ट्रे पर ये डेट लिखी रहती थी। इसमें पांच दिनों से सप्ताहभर की डेट होती थी। अब ट्रे पर मिठाई देखकर कोई भी ग्राहक ये अंदाजा नहीं लगा सकता कि ये कितने दिनों पहले बनी है। दुकानदार तो इसे ताजा बताकर ही बेचते हैं। इसके बावजूद कई बार मिठाइयों में फफूंद, स्वाद खराब होने की शिकायतें आम हैं। इस पर फूड एंड ड्रग विभाग का सुस्त रवैया लोगों को बीमार करने के लिए काफी है।

10 हजार किलोग्राम से ज्यादा नकली पनीर, फिर भी सप्लाई

राजधानी में ही पिछली दिवाली (अक्टूबर) से अब तक 10 हजार किलो नकली पनीर जब्त किया जा चुका है। जब्त पनीर का बाजार मूल्य 35 लाख रुपए से ज्यादा है। इसमें खतरनाक केमिकल मिले होते हैं, जो सेहत के लिए घातक है। इस मामले में फूड एंड ड्रग विभाग कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन यह नाकाफी है। नियमित जांच नहीं होने से भारी मात्रा में नकली पनीर खप रहा है।

अगस्त में शंकरनगर इलाके में रामानंद बाघ की यूनिट में नकली पनीर बनाया जा रहा था। मौके पर सस्ता व घटिया क्वालिटी का पॉम आयल, फैट के डल्ले व दूध पाउडर का उपयोग किया जा रहा था। पहले भी छापों के दौरान ये चीजें मिली हैं और लैब की जांच में पनीर स्तरहीन पाया गया है। राजधानी के ज्यादातर घरों में पनीर की सब्जी बनाई जाती है। यही नहीं छोटे-बड़े होटलों में भी पनीर की सब्जी की अच्छी डिमांड है। यहां रोजाना 500 किलो पनीर की खपत होती है।

फूड एंड ड्रग विभाग ने पिछले साल अक्टूबर में भाठागांव रिंग रोड के पास बंसल डेयरी से 50 किलोग्राम नकली पनीर जब्त किया था। जांच में पनीर मिलावट वाला निकला। दरअसल मौके से लूज पनीर, पामोलिव आयल व भोले बाबा स्किड दूध पावडर मिला था। तीनों चीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए कालीबाड़ी स्थित फूड लैब भेजा गया था।

पिछले साल दिसंबर में निमोरा स्थित एसजे मिल्क प्रोडक्ट में छापे के दौरान 4 हजार किग्रा नकली पनीर जब्त किया गया था। इसका बाजार मूल्य 15 लाख रुपए है। वहीं शिवम गोयल की फैक्ट्री से 2500 किलोग्राम नकली पनीर जब्त किया था। इसकी कीमत 9 लाख रुपए है। नए साल के जश्न में बड़ी मात्रा में नकली पनीर ने फूड एंड ड्रग विभाग के अफसरों को चौंका दिया था। दरअसल 24 घंटे में 6500 किग्रा नकली पनीर मिलना चौंकाने वाला था।

नकली पनीर का लंबे समय तक सेवन करने से इसमें मौजूद ट्रांस फैट हार्ट की बीमारियों का कारण बन सकता है। इससे हार्ट अटैक आने का रिस्क भी बढ़ सकता है। इसमें हाइड्रोजेनेटेड वेजिटेबल ऑयल होता है, जो नसों को ब्लॉक कर सकता है। इसलिए असली पनीर खाने में ही समझदारी है।

  • डॉ. कृष्णकांत साहू, एचओडी कार्डियक सर्जरी एसीआई

मिठाई दुकानों की जांच की जा रही है। हो सकता है कि इसकी जानकारी नहीं दी गई हो। त्योहारी सीजन में प्रमुखता से जांच की जाती है।

नितेश मिश्रा, असिस्टेंट कमिश्नर फूड


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