Indian Railway: यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी से राहत मिल सकती है। रेलवे का ऑटोमेटिक सिग्नलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। 292 करोड़ रुपए की लागत से ऑटोमेटिक सिग्नल को लगाया जा रहा है। ( CG News) दुर्ग से रायपुर, बाईपास सरोना से उरकुरा, बेल्हा से निपनिया तक ऑटोमेटिक सिग्नल लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। वहीं रायपुर से निपनिया और रायपुर से लाखौली तक सिग्नल लगाने का कार्य किया जाएगा।
कार्य पूरा होने के बाद निश्चित दूरी पर जल्द ही एक के पीछे एक ट्रेन चलेगी। अनुमान है कि इस साल ऑटोमेटिक सिग्नल शुरू किया जा सकता है। इसके लिए रेलवे द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है। वहीं सितंबर तक कई जगह का कार्य पूरा करने का टार्गेट रखा गया है।
ऑटोमेटिक सिग्नल के शुरू होते ही आउटर में ट्रेनों के ठहरने और लेटलतीफी जैसी समस्या से यात्रियों को छुटकारा मिलेगा। ट्रेन एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एक के पीछे एक दौडे़गी। इस सिस्टम से ट्रेन के सिग्नल को क्रॉस करते ही पीछे की ट्रेन को उसकी दूरी समेत सारी जानकारी मिलती रहेगी। वहीं किसी प्रकार की समस्या होने पर भी पीछे वाली ट्रेन को पता चल जाएगा। इसके अनुसार वो ट्रेन खड़ी हो जाएगी।
सिग्नल का काम पूरा होने के बाद रेलवे ट्रेनों की गति भी बढाएगा। वहीं एक के पीछे एक ट्रेन के दौड़ने से रेलवे क्रॉसिंग पर लोगों के फंसने व जाम की आशंका ज्यादा बनेगी। इसके लिए रेलवे, क्रॉसिंग पर लगातार अंडर ब्रिज और ओवरब्रिज का निर्माण कर रहा है, जिससे लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
Published on:
31 Aug 2025 01:41 pm