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Patrika Interview: छत्तीसगढ़ के नए ग्रोथ इंजन को SCR, इकोनॉमिक मास्टर प्लान से मिलेगी रफ्तार : वित्त मंत्री ओपी चौधरी

Patrika Interview: वित्त मंत्री ओपी चौधरी पत्रिका को दिए खास इंटरव्यू में खुलकर बताते हैं कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर, योजनाओं को समय से पहले लागू करने से ही राज्य आने वाले वर्षों में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकता है..

Patrika interview, Raipur News
Finance Minister OP Choudhary ( Photo - Patrika )

Patrika Interview: छत्तीसगढ़ के युवा वित्त मंत्री ओपी चौधरी पत्रिका को दिए खास इंटरव्यू में खुलकर बताते हैं कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर, योजनाओं को समय से पहले लागू करने से ही राज्य आने वाले वर्षों में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकता है। ( CG News ) उनका कहना है कि केवल आंकड़ों और बजट की भाषा बोलने से नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य की ठोस तस्वीर सामने रखने से राजधानी रायपुर से लेकर बस्तर-सरगुजा तक ‘ग्रोथ इंजन’ दौड़ाना संभव हो सकेगा।

वे मानते हैं कि ‘2047 का विज़न’ सिर्फ लॉन्ग टर्म सपना नहीं, बल्कि मिड टर्म और शॉर्ट टर्म प्लानिंग पर अमल के साथ लागू होने वाली कार्ययोजना भी है। स्टेट कैपिटल रीजन मास्टर प्लान, मेट्रो कनेक्टिविटी, आर्थिक रिजर्व फंड, नवा रायपुर मेें एआई व नेशनल लेवल के संस्थान बनाने जैसे नवाचारी कदम जरूरी हैं। प्रस्तुत है वि​भिन्न मसलों पर वित्तमंत्री से गोविंद ठाकरे की विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश…

प्रश्न: वित्तमंत्री के रूप में आपने छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिरता के लिए क्या नई पहल की है? कौन से सेक्टर को प्राथमिकता देते हैं?

उत्तर: भविष्य में राज्य की वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए कुछ रिजर्व फंड की व्यवस्था की गई है। पेंशन फंड का नया एक्ट विधानसभा के मानसून सत्र में लाया गया। पहले से 19 हजार करोड़ पेंशन फंड के रूप में जमा हैं। नए एक्ट में बजट का पांच प्रतिशत फंड हर साल जमा करते रहेंगे। केंद्र सरकार की मदद से उचित जगह निवेश कर इसे बढ़ाते रहेंगे। जिस वर्ष भी राज्य की पेंशन देयता 10 प्रतिशत से अधिक होगी, उस वक्त राज्य पर अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं पड़ेगा।

इससे राज्य की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी। ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड एक्ट भी लाया गया है। राज्य का बहुत सा राजस्व खनिज रॉयल्टी से आता है। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खनिज के मूल्यों में गिरावट आएगी तो रॉयल्टी का राजस्व भी कम होगा। तब पूंजीगत व्यय में एकदम से कमी न आए, इसलिए यह फंड बनाया गया है। इसमें बजट का एक से पांच प्रतिशत रखा जाएगा। संभवत: यह प्रयोग करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य होगा।

प्रश्न: छत्तीसगढ़ अंजोर विजन@2047 को कुछ लोग केवल लंबी अवधि का सपना मानते हैं। क्या इसमें तात्कालिक व शॉर्ट-मिड टर्म प्लान भी शामिल हैं?

उत्तर: बिल्कुल। जैसे हम बजट में सालभर के विकास कार्यों का विज़न रखते हैं, वैसे ही 2047 का विज़न केवल लॉन्ग टर्म नहीं है। इसमें मिड और शॉर्ट टर्म वर्किंग प्लान भी हैं, जो साथ-साथ लागू होते हुए लक्ष्य तक पहुंचाएंगे। शॉर्ट को पॉलिटिकल गेन के रूप में नेता देखते हैं, लेकिन इसे समग्र रूप देने की कोशिश है, क्योंकि राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कितने ही ठोस काम किए हैं। उनके मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की गति पकड़ रहा है।

प्रश्न: स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) मास्टर प्लान का स्वरूप कैसा होगा। इसमें कौन-कौन से क्षेत्र शामिल होंगे? क्रियान्वयन कैसे होगा?

उत्तर: मानसून सत्र में एससीआर मास्टर प्लान लाया गया है। आमतौर पर ऐसी योजना तब बनती है जब आबादी का दबाव बढ़ता है, लेकिन हम पहले से सोच रहे हैं। इसके अतंर्गत अभनपुर, आरंग, नवा रायपुर, रायपुर, भिलाई, दुर्ग को जोड़ने का विचार है। इंटीग्रेटेड प्लान में भविष्य में राजनांदगांव तक विस्तार पर भी विचार होगा। अलग-अलग शहरों में अपने रिंग रोड के बारे में तो सोचा जाता है, क्यों न कैपिटल रीजन में एक-एक सिंगल ग्रेटर रिंग रोड का प्लान भी बन सकता है।

हालांकि अभी एरिया नोटिफाई नहीं हुआ है। सर्वे और टेंडर का डीपीआर महीने भर के भीतर जारी कर दिया जाएगा। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण की तरह एससीआर बॉडी बनेगी, जिसमें प्लानिंग डिविजन और कंस्ट्रक्शन विंग होगी। मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे, ताकि मंजूरी में देरी न हो। प्रशासनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम भी होगी। भविष्य में यहां मेट्रो की जरूरत को पूरा किया जाएगा।

प्रश्न: इसमें इकोनॉमिक मास्टर प्लान की कैसी और कितनी भूमिका रहेगी?

उत्तर: हमारा लक्ष्य है कि यह छत्तीसगढ़ का ग्रोथ इंजन बने, जैसे हैदराबाद तेलंगाना का इंजन है। अगर रायपुर-नवा रायपुर को दुर्ग-भिलाई-राजनांदगांव से जोड़ते हैं तो लैंड रजिस्ट्रेशन शुल्क से ही प्रदेश के 55 प्रतिशत से अधिक राजस्व का स्रोत बनेगा। यह राजस्व बस्तर-सरगुजा जैसे क्षेत्रों के विकास में भी मदद करेगा। इकोनॉमिक मास्टर प्लान पर भी काम चल रहा है। सूरत, वाराणसी जैसे शहर के लिए बनाया गया। इसके तहत एक इकोनॉमिक इंटीग्रेटेड मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें सर्विस सेक्टर, रोजगार बढ़ाने की दृष्टि उपक्रम, मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रॉस्ट्रक्चर भी इसका प्रमुख हिस्सा रहेगा। इसे नीति आयोग के सहयोग से इम्प्लीमेंट किया जाएगा।

प्रश्न: लैंड रजिस्ट्री एक्ट में हाल ही में सुधार की काफी चर्चा है। 100 साल पुराने कानून में उपयोगी बदलाव और सरलीकरण का फायदा लोग किस तरह उठा सकते हैं?

उत्तर: पहले पहचान के लिए दो गवाह लगते थे, और वही लोग हजारों रजिस्ट्री में खड़े पाए जाते थे। अब इसे आधार वेरिफिकेशन से जोड़ा गया है। ताकि एक नाम का दूसरा कोई फर्जी कार्ड लेकर रजिस्ट्री कराने जाएगा तो तुरंत पकड़ा जाएगा। इससे जमीन की खरीद-ब्रिकी में धोखाधड़ी पर अंकुश लगा है। सुगम ऐप और जियो टैगिंग से पारदर्शिता आई है। 100 साल पुराने गोदनामे के नियम में बदलाव कर अब बेटियों के नाम भी संपत्ति गोदनामे से दी जा सकेगी। नामांतरण प्रक्रिया भी ऑटोमेशन से होगी।

प्रश्न: आपकी सरकार आने के बाद नवा रायपुर में कौन से बड़े प्रोजेक्ट आए हैं? यहां निवेश को लेकर किस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं?

उत्तर: नवा रायपुर में क्रांतिकारी प्रयोग किया गया है। हमारी सरकार आने के डेढ़ साल के भीतर में तीन राष्ट्रीय स्तर के संस्थान लेकर आने में कामयाब हुए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्लोनॉजी NIFT, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रनिक्स एंड आईटी (NIELIT) और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी यहां आ चुके हैं। देश का पहला AI स्पेशल इकोनॉमिक जोन भी यहीं स्वीकृत हुआ है। AI डेटा सेंटर, सेमिकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, बॉम्बे हॉस्पिटल, मेडिसिटी के अलावा फार्मा सेक्टर में तेजी से निवेश आ रहा है।