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गलत श्रेणी में बनी सोसायटियाँ जांच के दायरे में… आनंद विहार का पंजीयन रद्द, 360 को नोटिस

CG News: छत्तीसगढ़ ने रायपुर की आनंद विहार रेसिडेंट्स विकास सोसायटी का पंजीयन रद्द कर दिया तथा ऐसी ही गलत श्रेणी में पंजीकृत 360 रहवासी सोसायटियों को नोटिस जारी किया है।

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गलत श्रेणी में बनी सोसायटियाँ जांच के दायरे में... आनंद विहार का पंजीयन रद्द, 360 को नोटिस(photo-patrika)

गलत श्रेणी में बनी सोसायटियाँ जांच के दायरे में... आनंद विहार का पंजीयन रद्द, 360 को नोटिस(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर रियल एस्टेट प्रोजेक्टों की रहवासी सोसायटियों द्वारा गलत अधिनियम के तहत पंजीयन कराने और उसके विपरीत जाकर कॉलोनी का रख-रखाव व शुल्क वसूली करने के मामलों पर राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कारण पंजीयक फर्स एवं संस्थाएं, छत्तीसगढ़ ने रायपुर की आनंद विहार रेसिडेंट्स विकास सोसायटी का पंजीयन रद्द कर दिया तथा ऐसी ही गलत श्रेणी में पंजीकृत 360 रहवासी सोसायटियों को नोटिस जारी किया है।

यह कार्रवाई इसलिए की गई है कि ये सोसायटियां उस अधिनियम में पंजीकृत हैं, जिसमें कॉलोनियों के दैनिक रख-रखाव शुल्क लेने का प्रावधान ही नहीं हैं, जबकि वे नियमित रूप से ऐसे कार्य कर रही थीं। रहवासी सोसायटियों को छत्तीसगढ़ कोऑपरेटिव 1960 एक्ट के तहत पंजीयन कराना जरूरी है।

CG News: एसोसिएशन या सहकारी समिति बनाना अनिवार्य

भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 के अनुसार, किसी भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में 50 प्रतिशत से अधिक आबंटितियों द्वारा घर या प्लॉट बुक कराने के तीन माह के भीतर आबंटितियों की एसोसिएशन या सहकारी सोसायटी बनाना अनिवार्य है। ये सोसायटियां कॉलोनी के रख-रखाव और प्रबंधन की जिम्मेदार होती हैं।

रजिस्ट्रार कार्यालय के अनुसार छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 यथा संशोधित 1998 के तहत ऐसी सोसायटियों का पंजीयन सोसायटी अधिनियम की धारा-2 में वर्णित प्रयोजन के अनुसार केवल सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक उद्देश्य वाली संस्थाओं के लिए है।

इसमें दैनिक रख-रखाव या मेंटेनेंस से जुड़े प्रावधान नहीं हैं। इसलिए रियल एस्टेट प्रोजेक्टों की रहवासी सोसायटियों का पंजीयन छत्तीसगढ़ सहकारी अधिनियम, 1960 के तहत ही किया जाना चाहिए। इन्हीं नियमों के उल्लंघन पर आनंद विहार रेसिडेंट्स विकास सोसायटी द्वारा रख-रखाव कार्य करने और शुल्क वसूली को उसके पंजीकृत उद्देश्यों के विरुद्ध पाया गया। शिकायत और सुनवाई के बाद अधिनियम की धारा-34 के अंतर्गत उसका पंजीयन निरस्त कर दिया गया।

15 दिन में प्रस्ताव देने का फरमान

पंजीयक फर्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ की पंजीयक पद्मिनी भोई साहू ने राज्य की ऐसी कुल 360 सोसायटियों को निर्देशित किया है कि यदि उनके उद्देश्य अधिनियम की धारा-2 के विपरीत हैं, तो वे 15 दिन के भीतर ऑनलाइन पोर्टल rfas.cg.nic.in पर संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत करें। निर्धारित समय में सुधार नहीं करने या शिकायत मिलने पर पंजीयन रद्द किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।