Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सपना अब हो रहा पूरा… 46 की उम्र में शुरू की MBBS, 47 में सेकंड ईयर, रायपुर के प्रमोद सिंह की अनोखी कहानी…

CG News: रायपुर प्रदेश के एक निजी मेडिकल कॉलेज में 47 वर्षीय छात्र प्रमोद सिंह (बदला हुआ नाम, छात्र के अनुरोध पर बदला गया।) एमबीबीएस सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है।

2 min read
Google source verification
सपना अब हो रहा पूरा... 46 की उम्र में शुरू की MBBS, 47 में सेकंड ईयर, रायपुर के प्रमोद सिंह की अनोखी कहानी...(photo-patrika)

सपना अब हो रहा पूरा... 46 की उम्र में शुरू की MBBS, 47 में सेकंड ईयर, रायपुर के प्रमोद सिंह की अनोखी कहानी...(photo-patrika)

CG News:पीलूराम साहू .छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश के एक निजी मेडिकल कॉलेज में 47 वर्षीय छात्र प्रमोद सिंह (बदला हुआ नाम, छात्र के अनुरोध पर बदला गया।) एमबीबीएस सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है। पिछले साल उन्होंने फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिया था। तब उनकी उम्र 46 साल की थी। ज्यादा उम्र में डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई करने के मामले में यह देश का तीसरा केस है।

CG News: उम्र में छूट के नियम ने बदला भाग्य

इसके पहले आंध्रप्रदेश व ओडिशा में उम्रदराज छात्र एमबीबीएस की डिग्री ले चुके हैं। 46 की उम्र तो वैसे अधेड़ मानी जाती है, लेकिन डॉक्टर बनने का सपना एक व्यक्ति को छात्र बना दिया है। वह 20 से 26 साल की उम्र वाले छात्रों के साथ बैठकर पढ़ाई कर रहा है।

हालांकि उन्हें यह अटपटा तो लगता है, लेकिन डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज करने का सपना उन्हें नर्वस होने से दूर करता है। पहले तो उन्हें क्लास अटेंड करने में काफी परेशानी हुई, क्योंकि कई छात्र उनसे आधे उम्र के हैं। बाद में आदत बनती गई तो अब उन्हें अपने से कम उम्र के छात्र-छात्राओं के साथ पढ़ाई करने में कोई परेशानी नहीं होती। बाकी छात्र भी उनके जज्बे को देखकर साथ में पढ़ाई कर रहे हैं। थ्योरी क्लास से लेकर प्रेक्टिकल बैच के अनुसार छात्रों के साथ कर रहा है।

प्रधान 69 साल में बने डॉक्टर

ओडिशा के एक रिटायर्ड बैंक अफसर जयकिशोर प्रधान ने 64 साल की उम्र में नीट यूजी दी और सफल होकर एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लिया। वे 69 साल की उम्र में एमबीबीएस की डिग्री ली। उन्हें 2025 में ही डिग्री मिली है। एक अन्य केस में गुंटूर आंध्रप्रदेश की एक होममेकर लक्ष्मी सुसिरानी ने 56 साल की उम्र में एमबीबीएस डॉक्टर बनकर इतिहास रचा। उन्होंने 30 साल बाद अपनी पढ़ाई पूरी की थी।

एनएमसी ने मार्च 2022 में नीट यूजी के लिए 25 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा खत्म कर दी थी। इसका फायदा छात्र को हुआ। न्यूनतम आयु सीमा 17 वर्ष है। अधिकतम की कोई सीमा नहीं होने कोई भी भारतीय नीट यूजी में शामिल हो सकता है। पहले सामान्य वर्ग के लिए 25 वर्ष व आरक्षित वर्गों के लिए 30 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा थी, जिसे अब हटा दिया गया है।

…सपना अब हो रहा पूरा

प्रमोद ने बताया कि वह बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देख रहा था। 12वीं के बाद मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए सीजीपीएमटी, एआईपीएमटी होती थी, जो अब नीट यूजी हो रही है। कई बार की असफलता के बाद नीट की तैयारी करना छोड़ दिया। 2024 में फिर से नीट यूजी की तैयारी की और वह मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने में कामयाब हो गया।