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ISIS कनेक्शन की पड़ताल… हिंसक गेम और डार्क वेब से दी जा रही थी ट्रेनिंग, 100 लोग शक के दायरे में, 2 किशोरों से पूछताछ जारी

ISIS expose in CG: गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए 2 किशोरों की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए पिछले 2 साल से नजर रखी जा रही है। इसके बाद उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर साइलेंट सर्विलांस जारी था।

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ISIS expose in cg

आईएसआईएस से जुड़े आरोपी ( प्रतिकात्मक फोटो )

CG News: एटीएस ने आईएसआईएस नेटवर्क से जुडे़ 4 संदेहियों के संबंध में बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए दो आरोपियों से पूछताछ की। उनके परिजनों और अन्य लोगों की उपस्थिति में हुई पूछताछ के दौरान मिले इनपुट के आधार पर कुछ मोबाइल नंबरों को जांच के दायरे में लिया गया है।

बताया जाता है कि अब तक की जांच में 100 लोगों को संदेह के दायरे में लिया गया है। उक्त सभी कड़ियों को जोड़ने के बाद कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है। बता दें कि रायपुर के टिकरापारा और भिलाई सुपेला थाना क्षेत्र में पकड़े गए किशोरों से मिली जानकारी के आधार पर 19 नवंबर को 4 अन्य को पकडा़ गया। हालांकि उनसे पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया है।

तकनीकी सबूत पर छापेमारी

गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए 2 किशोरों की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए पिछले 2 साल से नजर रखी जा रही है। इसके बाद उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर साइलेंट सर्विलांस जारी था। पुख्ता तकनीकी प्रमाण मिलते ही पकड़ा गया है। दोनों किशोरों के पास से मिले मोबाइल और लैपटॉप कहां से आया इसकी जांच की जा रही है। एटीएस की टीम हैरान है कि यह उनके पास कहां से आया। जबकि परिजनों तक को इसकी जानकारी तक नहीं है।

ट्रेनिंग का अंतिम फेज

एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए दोनों किशोर की ट्रेनिंग अंतिम चरण की चल रही थी। उन्हें आईएसआईएस के आका बता रहे थे कि किस तरह से हिंसा, अराजकता और भारत विरोधी क्रियाकलाप कर सकते हैं।

हिंसक गेम और डार्क वेब बना था प्रमुख हथियार

एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, पूर्व में गिरफ्तार किए गए किशोरों को पाकिस्तान में आईएसआईएस से जुडे़ आतंकी ऐसे हिंसक ऑनलाइन गेम भेजते थे। जिनमें टास्क के नाम पर हमले जैसी गतिविधियों की नकली ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके अलावा उन्हें डार्क वेब, वीपीएन , एन्क्रिप्टेड साइट्स और कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल सिखाया गया। मोबाइल डेटा की फॉरेंसिक जांच में दर्जनों कोड-वर्ड, हटाई गई चैट, संदिग्ध ग्रुप कॉल और कट्टरपंथी कंटेंट मिले हैं। इसके भेजने वाले और इससे जुडे़ अन्य लोगों की विशेषज्ञों के माध्यम से तलाश की जा रही है।