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एमपी में बैलगाड़ी से 30 किमी का सफर कर कलेक्ट्रेट पहुंचा दिव्यांग, बताई पीड़ा

mp news: दिव्यांग ने कलेक्टर से कहा कि साहब, मुझे और मेरी पत्नी किसी को भी नहीं मिल रही पेंशन...।

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rajgarh

disabled man travel 30km bullock cart to collectorate

mp news: मध्यप्रदेश में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस से ठीक एक दिन पहले ऐसी तस्वीर देखने को मिली जो बताती है कि तमाम प्रयासों के बावजूद दिव्यांग अब भी उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं से वंचित हैं। मामला राजगढ़ जिले का है जहां मंगलवार को जनसुनवाई में एक दिव्यांग अपने पोते के साथ 30 किमी. बैलगाड़ी से सफर कर अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। जहां प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें जल्द से जल्द मदद करने का भरोसा दिलाया है।

जनसुनवाई के लिए 30 किमी तक बैलगाड़ी से किया सफर

खिलचीपुर के गाड़ाहेट गांव के रहने वाले दिव्यांग छगनलाल कारपेंटर पोते के साथ बैलगाड़ी पर 30 किमी का सफर कर आए कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे। मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई के लिए दिव्यांग छगनलाल एक दिन पहले यानी सोमवार शाम चार बजे घर से पोते के साथ बैलगाड़ी लेकर निकल पड़े थे। बैलों के लिए चारा और खुद के लिए खाना, सोने के लिए बिस्तर सबकुछ दिव्यांग घर से लेकर निकले थे। जब वो मंगलवार को बैलगाड़ी से जनसुनवाई में पहुंचे तो हर कोई उन्हें देखकर हैरान रह गया।

कलेक्टर को सुनाई अपनी तकलीफ

कलेक्टर जनसुनवाई में दिव्यांग छगनलाल ने बताया कि साहब, मेरी और मेरी पत्नी की दिव्यांग पेंशन महीनों से बंद है। अब चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया है। गांव से जनसुनवाई तक आने के लिए न बस है, न ऑटो। ऐसे में मजबूर होकर बैलगाड़ी का सहारा लिया। करीब 20 घंटे की यात्रा के बाद जनसुनवाई में आया हूं। पेंशन न मिलने से बुढ़ापे में जिंदगी गुजारना मुश्किल हो रहा है। दवाई लाना, राशन लेना मुश्किल हो रहा है। घर में कोई कमाने वाला नहीं। दिव्यांग छगनलाल की फरियाद सुनकर अधिकारियों ने तुरंत जांच के निर्देश दिए और जल्द पेंशन चालू कराने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि शुक्रवार को लगने वाले मेडिकल बोर्ड में जल्द सर्टिफिकेट बनेगा। ऐसे में वे अपनी पत्नी के साथ फिर से जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड में पहुंचें।