
1998–2003 शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ, लेकिन 23 साल की सेवा शून्य करने पर विरोध तेज...(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शिक्षाकर्मियों की दो दशक पुरानी लड़ाई आखिर निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 30 अक्टूबर 2025 को जारी आदेश में स्पष्ट संकेत दिया गया है कि वर्ष 1998 से 2003 तक नियुक्त शिक्षा कर्मियों की सेवा अब पेंशन नियम 1976 के तहत गिनी जा सकेगी, जिससे रिटायरमेंट पर मूल वेतन का 50 प्रतिशत बतौर आजीवन पेंशन मिलने का रास्ता खुल गया है।
शालेय शिक्षक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी और जिला उपाध्यक्ष सुशील शर्मा ने इसे देर से मिला न्याय बताया, लेकिन साथ ही शासन की उन नीतियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिनके कारण वर्षों तक शिक्षाकर्मी अपमानजनक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर रहे। शर्मा ने 1995-97 के हालात याद दिलाते हुए कहा कि उस समय शिक्षा कर्मियों को त्योहारों पर भी मानदेय नसीब नहीं होता था।
छुट्टी का अधिकार तक नहीं था, और सरकारी उदासीनता ने उन्हें बार-बार सड़कों पर उतरने मजबूर किया। उन्होंने कहा कि 2018 में संविलियन के समय 23 वर्ष की सेवा शून्य करके ‘शिक्षक एलबी संवर्ग’ बनाना शिक्षकों के साथ सबसे बड़ा अन्याय था। अब जबकि पेंशन का रास्ता स्पष्ट हो रहा है, शर्मा ने शासन से मांग की कि सभी शिक्षक एलबी संवर्ग की नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पूर्ण पुरानी पेंशन दी जाए, ताकि वर्षों से चला अन्याय समाप्त हो सके।
Updated on:
22 Nov 2025 03:20 pm
Published on:
22 Nov 2025 03:16 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनंदगांव
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
SP Ankita Sharma: आधी रात अचानक थाने पहुंचीं एसपी, पुलिसकर्मियों में मची खलबली… आखिर क्या हुआ? जानें

