Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सजा सुनते ही भावुक हुए आजम खान! चश्मा लगाए, बिस्किट लिए जेल जाते दिखे; अब्दुल्ला ने बड़े भाई को गले लगाकर दी हिम्मत

Azam Khan News: रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा सुनाई। फैसला सुनते ही दोनों को दोबारा जेल भेज दिया गया।

2 min read
Google source verification
azam khan abdullah azam fake pan card case 7 year sentence jail

सजा सुनते ही भावुक हुए आजम खान! Image Source - 'X' @IANS

Azam khan abdullah azam 7 year sentence jail news: रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सोमवार को फर्जी पैन कार्ड मामले में सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की कठोर सजा सुनाई। मामला वर्षों से चल रहा था और लंबे विवादों, गवाही और तार्किक बहसों के बीच अदालत ने दोनों को दोषी माना। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने तुरंत दोनों की न्यायिक हिरासत की प्रक्रिया शुरू की, जिससे पूरे जिले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई।

काला चश्मा और हाथ में बिस्किट का पैकेट

जेल ले जाते समय आजम खान का अंदाज़ खास चर्चा का विषय बना रहा। उन्होंने काला चश्मा लगा रखा था और उनके हाथ में दो पैकेट बिस्कुट थे, जो कैमरों में साफ कैद हुए। यह वीडियो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर फैल गया। लोग इसे उनके बदले हालात, उनके राजनीतिक सफर और व्यक्तिगत परिस्थितियों से जोड़कर चर्चा करते रहे। करीब दो महीने पहले आजम सीतापुर जेल से जमानत पर बाहर आए थे, मगर अब दोबारा जेल जाना उनके राजनीतिक भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

अब्दुल्ला ने भाई को लगाया गले

जेल के मुख्य गेट पर एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला, जब अब्दुल्ला आजम ने अपने भाई अदीब को गले लगाया। फैसला सुनते ही परिवार का माहौल तनावपूर्ण हो गया था। अदीब और परिवार के अन्य सदस्य लगातार कानूनी सलाह लेते दिखाई दिए। समर्थकों की भारी भीड़ जेल के बाहर खड़ी थी।

बेटे का करियर बनाने में पिता भी फंस गए?

विडंबना यह है कि यह केस उसी दौर में शुरू हुआ था, जब अब्दुल्ला का राजनीतिक करियर उभर रहा था। आरोप है कि दस्तावेज़ों में हेरफेर कर उनकी उम्र कम दिखाने और राजनीतिक रास्ता आसान करने की कोशिश की गई, लेकिन इसी कोशिश ने आजम और अब्दुल्ला दोनों को कानूनी जाल में फंसा दिया। परिवार के राजनीतिक ताने-बाने पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। इस फैसले के बाद अब्दुल्ला का राजनीतिक भविष्य फिर धुंधला हो गया है और आजम की छवि पर भी नई चोट लगी है।