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#Ratlam में सवा लाख बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म का इंतजार

जिले में पहली से आठवीं तक के एक लाख 14 हजार से ज्यादा बच्चों का अब तक वेरिफिकेशन ही चल रहा

CBSE Schools Leave Rules
CBSE Schools Leave Rules (Image: Gemini)

रतलाम. शिक्षा सत्र शुरू हुए दो माह बीतने को है। बावजूद इसके जिले के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थी गणवेश की राशि का इंतजार ही कर रहे हैं कि कब उनके खाते में आए। हालात यह है कि इतना समय बीतने के बाद बच्चों का नामांकन भी चल रहा है और उनका वेरिफिकेशन भी। ऐसे में अगस्त माह पूरा बीतने के बाद भी बच्चों के अभिभावकों के खातों में गणवेश की राशि पहुंचना मुश्किल है।

आदिवासी अंचल में 50 हजार बच्चे

जिले में इस समय 1 लाख 14 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पहली से आठवीं तक की कक्षा में अध्ययनरत है। ये पिछले साल के आंकड़े हैं और इन्हीं आधार पर गणवेश की संख्या तय होती है। हालांकि इन्हें मेपिंग करके अगली कक्षा में एनरोल करना होता है। खास बात यह है कि आदिवासी अंचल सैलाना और बाजना में ही इस संख्या के करीब आधे बच्चे यानी 50 हजार से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययन करते हैं।

दूसरे विकासखंडों में कम विद्यार्थी

दूसरे विकासखंडों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने के जो तथ्य सामने आ रहे हैं निजी स्कूलों की वजह से है। सैलाना, बाजना, रावटी और सरवन क्षेत्र जनजाति के लिए अधिसूचित क्षेत्र हैं और इनमें निजी स्कूलों की संख्या बहुत कम है। आलोट, जावरा, रतलाम और पिपलौदा विकासखंडों में निजी स्कूलों की संख्या ज्यादा होने से सरकारी स्कूलों में कम बच्चे होते हैं जबकि निजी में ज्यादा।

विकासखंड विद्यार्थी

आलोट 15635

बाजना 29790

जावरा 13355

पिपलौदा 7918

रतलाम 25245

सैलाना 22502

जिले में 114445

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खातों की जांच के बाद राशि

विद्यार्थियों के अभिभावकों ने जो खाता नंबर दिए हैं उनका पोर्टल 3.0 में वेरिफिकेशन चल रहा है। कई बार गलत खाता होने से राशि अंतरित नहीं हो पाती है। साथ ही बच्चों की मैङ्क्षपग भी चल रही है। जल्द ही अभिभावकों के खातों में राशि अंतरित हो जाएगी।

मुकेश राठौड़, एपीसी जिला शिक्षा केंद्र