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Kuber Dev Vahan: जब बाकी देवताओं ने लिए पशु, कुबेर ने क्यों चुना इंसानी वाहन? धर्म और दर्शन से समझें

Kubera Vahana: हिंदू धर्म में हर देवी-देवता का कोई न कोई वाहन होता है, जो उनके स्वरूप और शक्तियों का प्रतीक माना जाता है।वहीं धन के देवता कुबेर जी का वाहन सबसे अलग है क्योंकि उनकी सवारी कोई पशु-पक्षी नहीं, बल्कि एक मनुष्य है।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 23, 2025

Kubera, Kubera Vahana, Wealth God, Spiritual Symbolism

God of wealth kubera have human vehicle|फोटो सोर्स – Grok

Kuber Dev Vahan: हिंदू धर्म में हर देवी-देवता का कोई न कोई वाहन होता है, जो उनके स्वरूप और शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। कोई शेर पर विराजते हैं तो कोई मोर, कोई गरुड़ पर तो कोई बैल पर। लेकिन धन के देवता कुबेर जी का वाहन सबसे अलग है क्योंकि उनकी सवारी कोई पशु-पक्षी नहीं, बल्कि एक मनुष्य है। यह बात जितनी अद्भुत लगती है, उतनी ही गहरी आध्यात्मिक और दार्शनिक समझ भी समेटे हुए है।

कुबेर और उनका महत्व

कुबेर को यक्षों का राजा, खजानों का रक्षक और धनाध्यक्ष कहा गया है। वे केवल सोने-चांदी या रत्नों के स्वामी ही नहीं, बल्कि समृद्धि, ऐश्वर्य और भौतिक सुख-सुविधाओं के अधिपति भी माने जाते हैं। यही कारण है कि उनकी पूजा से न केवल धन, बल्कि जीवन में स्थिरता और समृद्धि भी प्राप्त होती है।

मनुष्य ही क्यों बना वाहन?

पुराणों के अनुसार, देवताओं की सभा में जब यह प्रश्न उठा कि कुबेर के लिए कौन-सा वाहन उपयुक्त होगा, तो अलग-अलग सुझाव आए। किसी ने कहा हाथी ऐश्वर्य का प्रतीक है, तो किसी ने घोड़े को शक्ति और विजय का प्रतीक बताया। तब ब्रह्माजी ने समझाया कि धन का वास्तविक स्वामी और उसका उपयोगकर्ता मनुष्य ही है। इसलिए कुबेर जी का वाहन मनुष्य होना सबसे उचित है।इसलिए कुबेर जी का वाहन मनुष्य को माना गया। यह केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि हमें यह सिखाने के लिए भी है कि धन का मूल्य तभी है जब मनुष्य उसे सही दिशा में इस्तेमाल करे।

लोक कथाएं और अन्य मान्यताएं

कुछ परंपराओं में यह भी कहा जाता है कि कुबेर की सवारी नेवला है, जो लालच और लोभ पर नियंत्रण का प्रतीक है। वहीं कहीं-कहीं उन्हें पुष्पक विमान पर भी बैठे दर्शाया गया है। लेकिन मुख्य रूप से धर्मग्रंथों में उनकी सवारी मनुष्य को ही माना गया है।

गहरी सीख


कुबेर जी का वाहन इंसान होना कोई साधारण बात नहीं, बल्कि गहरी सीख है। यह हमें याद दिलाता है कि धन का अधिकार मनुष्य को मिला है, और उसका सही-सही उपयोग करना भी मनुष्य की ही जिम्मेदारी है। अगर हम इसे धर्म और विवेक के मार्ग पर लगाएँ तो यही धन सुख, शांति और समृद्धि लाता है।