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Raksha Bandhan 2025: पूरे साल बांधकर रखें राखी या नहीं, ज्योतिष से जानिए राखी खोलने का नियम

Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन केवल एक उत्सव ही नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते का पवित्र दिन है जो राखी के दौर को और भी खूबसूरत बनाता है। ऐसे में राखी बांधने के साथ-साथ उसे उतारने और विसर्जन करने के नियमों का पालन करना उतना ही जरूरी है। ऐसा करने से रिश्तों में प्रेम और सम्मान बढ़ता है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।

भारत

MEGHA ROY

Aug 09, 2025

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Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते की सबसे खूबसूरत धारा है, जो सिर्फ प्रेम और विश्वास का प्रतीक नहीं है, बल्कि सुरक्षा और सौम्यता का भी संदेश देती है। इस शुभ दिन पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र और खुशी की प्रार्थना करती है, और भाई भी बहन की हर स्थिति में उसका साथ निभाने का वादा करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और नियम के अलावा राखी उतारने के भी कई शास्त्रिक नियम हैं? क्योंकि शास्त्रों में माना जाता है कि सही नियम से राखी उतारने से रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जानते हैं ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास से कि राखी को उतारने शास्त्रिक नियम क्या हैं।

रक्षाबंधन 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Rakhi shubh muhurat time 2025 in hindi)

दृक पंचांग के अनुसार सावन पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। हिंदी घर्म और शास्त्रों में उदयातिथि के अनुसार पर्व मनाने की परंपरा है, इसलिए रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा।

राखी उतारने के भी होते हैं नियम (Rakhi Utarne ke Niyam)

ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, राखी बांधने के बाद इसे उतारने तक के नियम भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इन्हें न मानने से वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा का खतरा बढ़ सकता है। वहीं, नियमानुसार विसर्जन करने से रिश्तों में मधुरता और जीवन में प्रगति के मार्ग खुलते हैं।

कब उतारनी चाहिए राखी

धार्मिक ग्रंथों में राखी उतारने का कोई निश्चित शुभ मुहूर्त नहीं बताया गया है, लेकिन ज्योतिष के अनुसार, रक्षाबंधन के 24 घंटे बाद राखी उतारना उत्तम माना जाता है। लंबे समय तक, विशेषकर पूरे साल राखी बांधकर रखने से वह अशुद्ध हो सकती है, जिससे दोष लगने की संभावना रहती है।

राखी को फेंके नहीं, करें विसर्जन

राखी उतारने के बाद उसे घर में कहीं भी रख देना अशुभ माना जाता है। इसे या तो बहते जल में प्रवाहित करें या किसी पेड़ की शाखा पर बांध दें। अगर विसर्जन संभव न हो, तो जन्माष्टमी के दिन भी इसे उतारकर विसर्जित किया जा सकता है।

सोने-चांदी की राखी का विशेष नियम

आजकल फैशन के चलते सोने और चांदी की राखियां भी काफी प्रचलित हैं। चूंकि ये धागा नहीं बल्कि आभूषण के रूप में होती हैं, इसलिए इन्हें पूरे साल पहनना शुभ माना जाता है और इनका विसर्जन आवश्यक नहीं है।

टूटी हुई राखी का उपाय

अगर राखी गलती से टूट जाए, तो उसे फेंकना अशुभ है। टूटी हुई राखी को बहते जल में प्रवाहित करें या किसी पेड़ की जड़ में रखें और साथ में 1 रुपये का सिक्का भी अर्पित करें।