
Shani Sade Sati Upay : साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए क्या करें? (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Shani Sade Sati Upay : शनि की साढ़ेसाती, जो वैदिक ज्योतिष में करीब साढ़े सात साल तक चलती है, काफी चुनौती भरा समय माना जाता है। लेकिन अगर आप चाहें तो कुछ सीधे-सादे उपायों से इस दौर को थोड़ा आसान बना सकते हैं। इनमें रोजमर्रा की लाइफ में अनुशासन रखना, मंत्र जाप करना, हनुमान जी की पूजा करना और शनिवार को तेल का दीया चढ़ाना जैसे तरीके शामिल हैं। इसके अलावा, दान-पुण्य करना, जानवरों को खाना खिलाना और अपनी सेहत पर ध्यान देना भी फायदेमंद रहता है।
वैदिक ज्योतिष में शनि को बड़े ताकतवर ग्रहों में से एक माना गया है। वैसे तो हर किसी पर इसका असर अलग होता है, क्योंकि ये आपकी कुंडली पर निर्भर करता है। साढ़ेसाती का नाम तो आपने सुना ही होगा ये वही वक्त है जब शनि तीन अलग-अलग राशियों में, आपके चंद्रमा के आसपास घूमता है। इस दौरान मुश्किलें, देरी और कई बार कड़ी परीक्षा सामने आती हैं।
शनि को अनुशासन बहुत पसंद है। अगर आप इस दौर से गुजर रहे हैं, तो अपनी दिनचर्या को सादा और व्यवस्थित रखें। समय पर उठें, सोएं, एक्सरसाइज करें और रोज़ कुछ समय पूजा, मंत्र या ध्यान में लगाएं। ये सब चीजें आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती हैं।
शनि के मंत्र, खासकर बीज मंत्र, रोजाना 108 बार (अक्सर सूर्यास्त के बाद) बोलने से मन को शांति मिलती है।
“ॐ शं शनिचराय नमः”
“ॐ प्रां प्रिं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि की सख्ती कम हो जाती है। आप रोज हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं, खासकर सुबह या शाम के वक्त। इससे आपका मन केंद्रित रहता है और डर-घबराहट भी कम हो जाती है।
शनिवार को शनि मंदिर में तिल या सरसों के तेल का दीया जलाएं, पीपल या शमी के पेड़ पर कुछ चढ़ाएं, या जरूरतमंदों को काले तिल और खाना दान करें। ये पुराने, आजमाए हुए तरीके हैं जो नेगेटिव असर को कम करने में मदद करते हैं।
शनिवार को लोहे की कटोरी में सरसों के तेल में अपनी परछाईं देख कर, वो कटोरी शनि मंदिर में दान करने का भी चलन है। इसे छाया दान कहते हैं और इसे बहुत असरदार माना गया है।
एक आसान तरीका है थोड़ी काली उड़द की दाल लें, उसे काले कपड़े में बांधकर किसी मंदिर में दान कर दें।
जानवरों को खाना खिलाना तो हमेशा अच्छा ही होता है। लेकिन साढ़ेसाती के समय, अगर आप काले कुत्ते या कौओं को खाना खिलाते हैं, तो इसका असर और भी अच्छा माना गया है।
Published on:
14 Nov 2025 08:36 am
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