
outsource worker attempts self immolation due to salary delay
mp news: मध्यप्रदेश के रीवा में संजय गांधी अस्ताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक वार्ड ब्यॉय ने आत्महत्या का प्रयास किया। दो माह से वेतन न मिलने से नाराज आउटसोर्स कर्मचारी ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह की चेतावनी दी, फिर भी सुनवाई न होने पर पर कर्मचारी आत्मदाह का प्रयास करने लगा, जिस पर मौके पर रहे अन्य कर्मचारियों ने उसे पकड़ा। घटना की जानकारी लगते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में अस्पताल के अधिकारियों ने कंपनी से वेतन भुगतान का प्रयास कराया लेकिन बैंक एकाउंट में कुछ समस्या हुई तो फिर कर्मचारी का वेतन फोन-पे के माध्यम से कराया गया।
वेतन न मिलने पर तीन दिन पहले आउटसोर्स कर्मचारियों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया था। इसके बाद भी जिमेदारों ने ध्यान नहीं दिया तो 27 नवबर को फिर कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा। कर्मचारियों ने डीन डॉ सुनील अग्रवाल का घेराव किया। इसके बाद शुक्रवार तक कई कर्मचारियों का वेतन आ गया लेकिन वार्ड ब्यॉय राहुल का वेतन नहीं आया था। अब उसका सब्र टूट गया और उसने आत्मदाह करने की कोशिश की। वार्ड ब्यॉय राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब सभी आउटसोर्स कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे, तब उसकी एजाइल कंपनी के प्रबंधक विश्वास बाने से कहासुनी हो गई थी। इस कारण ही उसका वेतन रोका गया। राहुल ने कहा कि अन्य कर्मचारियों का वेतन भी काटकर दिया गया है। राहुल ने बताया कि मामले की जानकारी डीन, अधीक्षक और कंपनी प्रबंधक को दी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
गांधी मेमोरियल, संजय गांधी और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सुरक्षाकर्मी से लेकर वार्ड ब्वॉय, सफाई कर्मचारी, कप्यूटर ऑपरेटर, तकनीकी सहायक तक आउटसोर्स से तैनात हैं। तीनों अस्पतालों में आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने का ठेका अभी हाइट्स कंपनी के पास है, जिसने एजाइल कंपनी को पेटी में ठेका दे रखा है। इस कंपनी ने 1 हजार से अधिक कर्मचारी अस्पतालों में तैनात किए हैं। कर्मचारियों ने बताया कि शासन के नियमानुसार आउटसोर्स कर्मियों को प्रत्येक माह 5 तारीख तक वेतन भुगतान करने का प्रावधान है। इसके बावजूद जब से एजाइल कंपनी को ठेका मिला है। तब से कभी भी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिला। वहीं एजाइल कंपनी के प्रबंधक विश्वास बाने ने कहा कि कभी-कभी तकनीकी कारणों से सैलरी में दिक्कत आती है। सर्वर का भी इश्यू हो रहा था, केवल एक कर्मचारी की नहीं कुछ और कर्मचारियों की भी इसी तरह सैलरी रूकी थी। संबंधित कर्मचारी ने बताया तो मैंने कहा कि शाम तक वेतन आ जाएगा लेकिन वह नहीं माना। फिर हमने अपनी जेब से उसका भुगतान कराया।
Published on:
30 Nov 2025 09:08 pm
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