
एआई जनरेटेड
MP News: मध्यप्रदेश के रीवा स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में जल्द ही ह्यूमन मिल्क बैंक (मानव दुग्ध बैंक) की शुरुआत होगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से संचालित होने वाला यह बैंक अगले माह तक शुरू किया जा सकता है। अस्पताल प्रबंधन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। करीब 15 लाख की लागत से तैयार यह बैंक उन नवजातों के लिए संजीवनी साबित होगा जिन्हें जन्म के बाद मां का दूध नहीं मिल पाता।
डॉक्टरों के अनुसार, डिलीवरी के बाद कई बार माताओं को दूध कम या बिल्कुल नहीं आता। जिससे नवजातों को जरुरी पोषण नहीं मिल पाता है। ऐसे में बाजार में मिलने वाले दूध से उन्हें पौष्टिकता नहीं मिलती और कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है। मानव दुग्ध बैंक की मदद से इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
दूध को -20 डिग्री सेल्सियस या उससे कम तापमान पर डीप फ्रीजर में सुरक्षित रखा जाएगा। चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही संबंधित बच्चों को यह दूध दिया जाएगा। यह दूध बच्चों को पोषण देने के साथ-साथ उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे वे कुपोषण जैसी बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं।
इस बैंक का संचालन अस्पताल के शिशु रोग विभाग की देखरेख में किया जाएगा। यह प्रदेश का दूसरा ह्यूमन मिल्क बैंक होगा। यहां स्वस्थ माताओं से दूध संग्रहित किया जाएगा, लेकिन इससे पहले एचआईवी, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों की जांच जरूरी होगी। जांच के बाद ही माताओं का दूध संग्रहित किया जाएगा।
शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ नरेश बजाज ने बताया कि मानव मिल्क का बैंक होता है। जिसमें माताओं का दूध स्टोर करके रख सकते हैं। जिन बच्चों को माताओं का दूध नहीं मिलता, उन्हें यह दूध पिलाने कुपोषण की संभावना कम होती है। इस बैंक के लिए सिविल का काम हो गया है। मशीन का ऑर्डर दिया जा चुका है। जल्दी ही बैंक शुरू हो जाएगा।
Published on:
22 Sept 2025 02:12 pm
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