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बड़ी खबर: जांच के दायरे में MP के 5.72 लाख वोटर, जल्द शुरू होगा मतदाता सूची का ‘SIR’

MP News: निर्वाचन आयोग रीवा-मऊगंज में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण शुरू कर चुका है। 2003 की सूची से मिलान कर 5.72 लाख मतदाताओं की पहचान व दस्तावेज सत्यापित होंगे।

3 min read

रीवा

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Akash Dewani

Oct 13, 2025

rewa mauganj voter list SIR Survey Election Commission mp news

rewa mauganj voter list SIR Survey Election Commission (फोटो- सोशल मीडिया)

voter list SIR Survey: निर्वाचन आयोग (Election Commission) के निर्देश पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई है। इसमें आयोग ने कहा है कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान के मतदाताओं का मिलान किया जाए। जिन मतदाताओं के माता-पिता के नाम उस समय वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं थे, उनका सत्यापन किया जाएगा और पहचान के लिए कुछ जरुरी दस्तावेज मांगे जाएंगे। (MP News)

22 सालों के बाद होगा रिवीजन

बीते 22 सालों में रीवा-मऊगंज जिले में मतदाताओं की स्थिति क्या रही है, इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट आयोग को भेजी गई है। यहां 5,72,250 मतदाता ऐसे हैं जो इस जांच के दायरे में आएंगे। इसमें जिनके माता-पिता का नाम पहले की सूची में दर्ज नहीं है, उनसे दस्तावेज मांगे जाएंगे।

जल्द ही 2014 बूथ लेवल ऑफिसर डोर-टू-डोर सर्वे करेंगे। इसमें रीवा जिले में 1463 और मऊगंज जिले में 518 पोलिंग बूथ शामिल हैं। हालांकि अब 1200 से अधिक मतदाता संया वाले मतदान केन्द्रों को अलग किया जा रहा है, जिसके चलते दोनों जिलों में साढ़े तीन सौ पोलिंग बूथ बढ़ जाएंगे। (MP News)

घर-घर जाएंगे बीएलओ, देने पड़ेंगे 2-3 दस्तावेज

वर्ष 2003 की सूची में नाम नहीं है तो तीन दस्तावेज देने होंगे। बीएलओ घर-घर जाकर न्यूमेरेशन फार्म देंगे। हर वोटर्स को गणना फार्म भरना होगा। गत दिवस कलेक्ट्रेट में हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई है। स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (एसआइआर) के दौरान जिले के सभी 2014 बूथ लेवल ऑफिसर डोर-टू-डोर सर्वे कर मतदाता सूची का शुद्धिकरण करेंगे। जिन परिवारों के नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं, उन्हें ही यथास्थिति माना जाएगा।

2003 के बाद मतदाता सूची में जुड़े परिवारों को अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए दो से तीन दस्तावेज देने पड़ेगे। जिनके नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है और उनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, उन्हें अपना नाम लिस्ट से कटने से बचाने के लिए आयोग की ओर से मान्य 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज बीएलओ को देना होगा। पिता से संबंध के प्रमाण पत्र के साथ एक दस्तावेज देना होगा। (MP News)

इनमें कोई एक दस्तावेज चाहिए

निर्वाचन आयोग ने पहचान के लिए जो दस्तावेज बताए हैं उसमें पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्ववि‌द्यालय ‌द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र राज्य के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्थाई निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र मान्य होगा। ओबीसी, एससी, एसटी का जाति प्रमाण पत्र। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर। राज्य या स्थानीय पत्र। आधार कार्ड भी मान्य होगा। प्राधिकारी द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर।

सरकार की कोई भी भूमि, मकान आवंटन प्रमाण पत्र मान्य किए जाएंगे। नियमित कर्मचारी, पेंशन भोगी कर्मी को दिया गया दस्तावेज या पेंशन भुगतान आदेश के दस्तावेज मान्य होंगे। इनके अलावा सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, डाकघर, एलआईसी द्वारा भारत में 1 जुलाई 1987 से पहले दिया गया पहचान पत्र या प्रमाण पत्र। सक्षम पाधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र आदि को मान्य किया जाएगा।

इन विधानसभाओं की बढ़ी है जनसंख्या

प्रारंभिक रिपोर्ट जो आयोग को भेजी गई है, उसमें शहरी क्षेत्र रीवा विस में मतदाताओं की संया बीते 22 वर्षों के अंतराल में 11239 कम हुई है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। जिसमें त्योंथर में 37287, मनगवां 93659, गुढ़ में 50605, सिरमौर 36321, मऊगंज में 59468, देवतालाब में 78308 मतदाता बढ़े हैं। इस बीच वर्ष 2008 में सेमरिया नया विधानसभा क्षेत्र में अस्तित्व में आया जिसमें बीते 6 जनवरी की स्थिति में 227841 मतदाता हैं। (MP News)

बीएलओ का काम बढ़ा

निर्वाचक नामावली का गहन पुनरीक्षण कराने में बीएलओ का काम बढ़ जाएगा। इन दिनों में नगरीय निकायों की वोटर लिस्ट तैयार की जा रही है, इसके लिए भी दावा-आपत्तियां मांगी गई हैं। कुछ दिन पहले ही गहन पुनरीक्षण के लिए हर बूथ से मतदाताओं की संया बीते 22 वर्षों के अंतराल में बढ़ने की जानकारी जुटाई गई थी। आने वाले दिनों में डोरटूडोर सर्वे की कार्ययोजना भी जारी हो सकती है। अधिकांश बीएलओ स्कूलों के शिक्षक हैं, इसलिए पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। (MP News)

ऐसे होगा मतदाताओं का चिह्नांकन

  • वे मतदाता है जिनका नाम 2025 और 2003 की मतदाता सूची में है।
  • ऐसे मतदाता जिनका नाम 2003 की सूची में नाम है और एक जुलाई 1987 के पूर्व भारत में जन्म हुआ है।
  • जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है। उनके माता या पिता का नाम 2003 की सूची में है और नहीं हैं।
  • जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ और 2003 की सूची में माता या पिता का नाम है और जिनका नाम नहीं है।

निर्वाचक नामावली का गहन पुनरीक्षण कार्य प्रारंभ होना है। जिसमें वर्ष 2003 की सूची से संबंधित मतदाता एवं माता-पिता के नामों का मिलान किया जाना है। प्रारंभिक जानकारी आयोग को भेजी गई है, वहां आगे जैसा भी निर्देश आएगा उसके अनुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी।- सुधीर बेक, जिला उप निर्वाचन अधिकारी रीवा