सागर. शहर में आग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। खुले क्षेत्र में स्थित मकान, दुकान, गोदाम में लगी आग को बुझाने के लिए तो समय रहते फायर ब्रिगेड पहुंच जाती है, लेकिन यदि यही आग तंग गलियों में लगी हो तो उसे बुझाना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि घटनास्थल तक फायर ब्रिगेड पहुंच ही नहीं पाती है और शहर में करीब 60 फीसदी गलियां तंग हैं या फिर अतिक्रमण के चलते वह संकरी हो गई है। हैरानी की बात तो यह है कि इन्हीं संकरी गलियों में गोदाम, दुकान और थोक व्यापार चल रहा है। इनमें अधिकांश व्यापारियों के पास फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है।
शनिवार रात कटरा बाजार क्षेत्र में बताशा वाली गली के अंदर रामपुरा में एक थोक दवा दुकान में आग लगी थी। लोगों ने आग की सूचना समय से फायर ब्रिगेड को भी दे दी, लेकिन जब कर्मचारी लॉरी लेकर पहुंचे तो उन्हें अंदर जाने लायक रास्ता ही नहीं मिला। करीब 20 से 25 मिनट के बाद पीछे वाले रास्ते से लॉरी घटनास्थल पर पहुंच सकी, लेकिन इतने में दुकान में रखा अधिकांश सामान जलकर खाक हो चुका था। इस दौरान रास्ते में खड़ी एक बाइक फायर लॉरी की चपेट में आने के बाद विवाद की स्थिति भी बनी।
समय के साथ शहर विकसित हो रहा है और नई-नई कॉलोनियां तैयार हो रहीं हैं, जिनमें चौड़ी सड़कें और खुला क्षेत्र होने के कारण वाहनों की आवाजाही में परेशानी नहीं होती, लेकिन पुराने शहर में स्थिति खराब है। शनिचरी, शुक्रवारी, परकोटा, इतवारी टौरी, मोहन नगर, पुरव्याऊ, बड़ा बाजार, कटरा व गुजराती बाजार से लगे रहवासी क्षेत्रों में तो अधिकांश ऐसी गलियां हैं, जहां तीन व चार पहिया तो ठीक दोपहिया वाहन चलाना भी मुश्किल होता है।
10 फायर लॉरी नगर निगम के पास
06 लॉरी चालू हालत में
03 बड़ी व 3 छोटी लॉरियां
04 फायर बाइक
02 बाइक का हो रहा उपयोग
शहर की तंग गलियों में फायर लॉरी नहीं पहुंच पाती है। रहवासी मकानों में लगी आग तो आसानी से काबू कर लेते हैं, लेकिन जहां दुकान या गोदाम हो वहां आग बढ़ जाती है। व्यापारी बार-बार नोटिस के बाद भी फायर सिस्टम नहीं बना रहे।
सईदउद्दीन कुरैशी, फायर ऑफिसर, नगर निगम
Published on:
02 Jun 2025 05:21 pm