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चना, मसूर और हरे मटर का रकबा बढ़ने की संभावना, इसलिए डीएपी खाद की जरूरत ज्यादा

3500 टन खाद की भेजी गई है मांग, अभी तक आया सिर्फ 150 टन खाद, किसान हो रहे परेशान

Chances of increase in the area under gram, lentil and green peas, hence the need for DAP fertilizer is more.
फाइल फोटो

बीना. इस वर्ष रबी सीजन में मटर, चना, मसूर का रकबा बढऩे की संभावना है और इसकी बोवनी के लिए किसानों को डीएपी खाद की जरूरत होगी। अभी कम मात्रा में आ रहे खाद से किसानों की चिंता बढ़ रही है।
कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष मसूर कर रकबा करीब 18 हजार हैक्टेयर, हरा मटर 5 हजार हैक्टेयर और 10 हजार हैक्टेयर चना का रकबा होने की संभावना है। इन फसलों का रकबा पिछले वर्ष कम था और इस वर्ष बढऩे से डीएपी खाद की मांग भी बढ़ रही है। इसके लिए 3500 टन डीएपी की मांग भेजी गई है, लेकिन अभी तक सिर्फ 150 टन खाद ही आया है। जबकि जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं है, वह अगले माह बोवनी करना शुरू कर देंगे।

पिछले वर्ष सबसे ज्यादा गेहूं का रकबा
कृषि विभाग के अनुसार पिछले वर्ष सबसे ज्यादा रकबा गेहूं का था, जो 22045 था। साथ ही मसूर 9425 हैक्टेयर, हरा मटर 1170 हैक्टेयर, चना 6225 हैक्टेयर था। रकबा कम होने के बाद भी पर्याप्त खाद नहीं मिल पाया था और इस वर्ष रकबा ज्यादा है, लेकिन खाद की कमी बनी हुई है।

हरे मटर के दाम मिल रहे अच्छे
हरे मटर के दाम मंडी में अच्छे मिल रहे हैं, जिससे किसानों का रुझान इस तरफ बढ़ रहा है। अभी भी मंडी में 2890 से 10 हजार 685 रुपए क्विंटल मटर बिक रहा है। पूर्व में इससे ज्यादा दाम किसानों को मिल चुके हैं।

भेजी है मांग
बोवनी के रकबा के अनुसार खाद की मांग पूर्व में ही भेज दी गई है, जिससे किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो सके। इस वर्ष चना, मसूर, हरे मटर का रकबा बढऩे की संभावना है।
अवधेश राय, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, बीना