प्रदर्शन कर रहे अभिभावक
बीना/खुरई. निजी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को डीपीसी स्कूल में उस समय हंगामा मच गया जब स्कूल प्रबंधन ने फीस बकाया होने के कारण 70 से अधिक विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने से रोक दिया। इस बात से नाराज अभिभावक आक्रोशित हो गए और स्कूल गेट के बाहर एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे।
आक्रोश बढ़ता देख अभिभावक सागर-खुरई मुख्य मार्ग पर पहुंच गए और सडक़ पर जाम लगा दिया। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने न केवल बच्चों के साथ अभद्रता की, बल्कि अभिभावकों से भी दुव्र्यवहार किया। उनका कहना था कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के बावजूद इस तरह की मनमानी लगातार जारी है। मामले की जानकारी लगते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और अभिभावकों से चर्चा कर जाम हटवाया। स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि जिन बच्चों की फीस लंबे समय से बकाया है, उन्हें पहले भी सूचित किया गया था। हालांकि, हंगामा बढ़ता देख प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि सभी छात्रों को परीक्षा में शामिल किया जाएगा।
अभाविप के सदस्य भी पहुंचे मौके पर
जानकारी लगते ही अभाविप के सदस्य भी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने अभिभावकों का समर्थन किया और स्कूल प्रबंधन के द्वारा किए गए इस व्यवहार की निंदा की। अभाविप कार्यकर्ता लोकेश राज ने कहा कि शिक्षा व्यापार नहीं, अधिकार है। आर्थिक कठिनाइयों के कारण किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित करना मानवीयता के खिलाफ है। अभाविप हमेशा विद्यार्थियों की आवाज बनकर खड़ी रहेगी। विनीत अहिरवार ने कहा कि स्कूल प्रबंधन का यह रवैया निंदनीय है। शिक्षा के मंदिर में इस तरह की अमर्यादित बातें और बच्चों को परीक्षा से रोकना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
प्रबंधन को दी है चेतावनी
संस्था में बात की थी उन्होंने कहा है कि जिन बच्चों के पेपर नहीं हुए हैं, दूसरे दिन पेपर कर दिलाए जाएंगे। फीस भरने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
आरएस शर्मा, बीइओ, खुरई
Published on:
10 Oct 2025 12:27 pm
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