बीना. तत्कालीन बीएमओ डॉ. अरविंद गौर से वसूली करने की मांग को लेकर समाजसेवी कीरत सेन ने संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर को निलंबित करना इतने बड़े भ्रष्टाचार की सजा नहीं है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सिविल अस्पताल में अनुपस्थित रहे चिकित्सक डॉ. विपिन ठाकुर, डॉ. शिवम दीवान, जो वर्तमान और पूर्व से एक मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं। इसके बाद भी सिविल अस्पताल से भी वेतन के रूप में करीब 25 लाख रुपए लिए गए हैं, जिसकी वसूली होनी चाहिए। इसी तरह रोगी कल्याण समिति पीएचसी आगासौद से करीब 36 लाख रुपए बिना सक्षम समिति की अनुमति के सिविल अस्पताल में खर्च किए हैं, यह राशि वापस समिति के खाते में जमा कराई जाए। इसके साथ ही डॉ. गौर ने बांडेड डॉक्टर डॉ. हिमांशु जैन, डॉ. मानसी मुदगल, डॉ. आयुषी ठाकुर, डॉ. रोहन अवस्थी, डॉ. तनय बोरगांवकर, डॉ. सुसंस्कृति यादव आदि के अनुपस्थित रहते हुए फर्जी उपस्थिति पत्रक तैयार कर जिला कार्यालय से वेतन आहरण कराया, जो 30 लाख रुपए के आसपास है, इसकी भरपाई शासकीय कोष में कराने की मांग की है। समाजसेवी ने बताया कि अन्य भ्रष्टाचार का जिक्र जिक्र जांच में नहीं किया गया, जिसमें अस्थायी कोविड अस्पताल की करीब 20 लाख रुपए की कॉपर ऑक्सीजन पाइप लाइन बेचना आदि शामिल है।
Published on:
12 Aug 2025 11:52 am