
प्रवेश पर्ची के लिए परेशान होते किसान
बीना. कृषि उपज मंडी में भावांतर योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी शुरू हो गई हैं और अन्य उपज लेकर भी किसान पहुंच रहे हैं। आवक ज्यादा होने पर परिसर में ट्रैक्टर-ट्रॉली व्यवस्थित खड़े कराने के लिए भी कोई कर्मचारी मौजूद नहीं रहता है। वहीं, प्रवेश पर्ची के लिए भी कतार में खड़े होना पड़ा।
मंडी में बुधवार को करीब आठ हजार क्विंटल आवक हुई, जिसमें भावांतर के किसान भी शामिल थे। आवक ज्यादा होने के बाद भी मंडी की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया है। सबसे पहले किसानों का प्रवेश पर्ची के लिए कतार में लगकर इंतजार करना पड़ा, जिसमें भावांतर वाले किसान ज्यादा थे। इसके बाद परिसर में ट्रैक्टर-ट्रॉली क्रम से खड़े न होने के कारण जाम की स्थिति बनती रही, क्योंकि किसानों को जहां जगह मिली वहां आड़े, तिरछे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े कर दिए थे। मंडी में व्यवस्था बनाने के लिए कोई कर्मचारी भी मौजूद नहीं था। अव्यवस्थाओं के कारण किसानों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होती रही।
व्यवस्था बनाने की जगह गार्ड काट रहे पर्ची
मंडी में करीब 30 सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, लेकिन वह मंडी में व्यवस्था बनाने की जगह डाक पर्ची काटने सहित अन्य कार्य कर रहे हैं। यदि इनसे इनका मूल कार्य कराया जाए, तो किसानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
काट देते हैं गलत पर्ची
सुरक्षा गार्डों द्वारा पर्ची काटे जाने से गलतियां भी ज्यादा हो रही हैं। कई बार किसान का नाम गलत हो जाता है, तो कभी व्यापारी का नाम गलत फीड करने से परेशानी होती है। इसके लिए मंडी के स्थायी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन यहां कर्मचारियों की कमी होने से यह स्थिति निर्मित हो रही है।
कराएंगे सुधार
भावांतर योजना की प्रवेश पर्ची के लिए कतार लगाई गई थी। साधारण पर्ची टै्रक्टर-ट्रॉली पर ही बना दी गई थीं। मंडी परिसर में भी व्यवस्था बनवाई जाएगी, जिससे किसान परेशान न हो।
कमलेश सोनकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बीना
Published on:
30 Oct 2025 12:03 pm
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