Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसान खड़े रहे कतार में और अंदर से चहेतों को टोकन देने के आरोप

टोकन पर लगी थी सील, किसान का नहीं डाला गया था नाम, न ही लिखी थीं बोरियों की संख्या

less than 1 minute read
Farmers stood in queue and there were allegations of tokens being given to favourites from inside

इस तरह के टोकन आए बाहर

बीना. डीएपी खाद का टोकन लेने के लिए बड़ी संख्या में किसान गुरुवार को तहसील पहुंचे थे और घंटों भूखे, प्यासे लाइन में खड़े रहने के बाद भी बड़ी संख्या में किसानों को टोकन नहीं मिल पाए थे। इसी बीच कुछ अधिकारी, कर्मचारियों पर खाली टोकन अपने चहेतों को देने के आरोप लग रह रहे हैं।
जानकारी के अनुसार किसानों को वितरित करने के लिए प्रिंटेड टोकन बनवाए गए थे, जिनपर क्रमांक लिखा था। इन टोकन पर किसानों का नाम डाला जाना था और खाद की मात्रा लिखी जानी थी। ऐसे ही टोकन सिर्फ हस्ताक्षर और सील वाले कुछ लोगों दे दिए गए। इसमें कुछ अधिकारी, कर्मचारियों की मिलीभगत होने के भी आरोप लग रहे हैं। इस प्रकार करीब सौ पर्ची दी गई हैं। जिन लोगों को यह पर्ची दी गई हैं, उन्होंने पर्चियोंं पर अपने नाम लिखकर और खाद की बोरियों की मात्रा स्वयं लिखी है। गुरुवार को जब टोकन वितरित हो रहे थे, उस समय भी किसानों ने इस तरह के आरोप लगाए थे। किसान नेता सीताराम ठाकुर ने बताया कि टोकन वितरण के दौरान गड़बड़ी हुई है और इसकी जांच होना चाहिए, जिससे संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सके। किसानों को धूप में खड़े रहने के बाद भी टोकन नहीं मिल सके और कर्मचारियों द्वारा अपने चहेतों को टोकन देना गलत है।

कराएंगे जांच
यदि टोकन वितरण में कोई गड़बड़ी हुई है, तो इसकी जांच कराई जाएगी।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना