
चकराघाट से लेकर गणेशघाट तक बने लगभग 500 मीटर घाट पर एक साथ 1 लाख 11 हजार 111 दीप किए प्रज्ज्वलित
सागर. देव दीपावली पर बुधवार की शाम सागर काशी की तरह दिव्यता और भव्यता के अद्भुत संगम में डूब गया। चकरा घाट पर जलते लाखों दीपों ने ऐसा नजारा पेश किया, मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। कार्तिक पूर्णिमा पर चकराघाट से लेकर गणेशघाट तक बने लगभग 500 मीटर घाट पर एक साथ 1 लाख 11 हजार 111 दीप किए प्रज्ज्वलित गए। गंगा आरती व घंटियों की मधुर आवाज से वातावरण पवित्र हो गया। घाटों पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने चकराघाट पर पहुंचकर दीपदान किया। भगवान शिव सहित गंगा माता की पूजा-अर्चना की। रावतपुरा सरकार के बटुकों ने विधि-विधान से कार्यक्रम की शुरूआत की।
आतिशबाजी ने मोहा मन
घाट पर भक्तों ने दीप जलाए। बच्चों से लेकर बड़े तक दीप जला रहे थे। इस दौरान बहुत देर तक आतिशबाजी की गई। विधि-विधान के साथ गंगा आरती के बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। आतिशबाजी ने सभी तक मन मोह लिया। करीब 15 मिनट तक आतिशबाजी हुई। इस अवसर पर घाट पर संगीतमय प्रस्तुति भी दी जा रही थी।
शाम से ही पहुंचे श्रद्धालु
कार्यक्रम शुरूआत होते ही घाट पर लोग शाम 5 बजे से पहुंचना शुरू हो गए। भक्तों ने बारी-बारी से विभिन्न ब्लॉकों में रखे दीपक प्रज्जवलित किए। देखते ही देखते भक्तों का कारवां बढ़ता गया। शाम 7 बजे घाट से रोशनी से जगमगा उठे। कार्यक्रम के बाद एक घंटे में चकराघाट की सफाई की गई। नगर निगम की टीम ने चकराघाट स्थित आयोजन स्थल सभी घाटों की 1 घंटे में सफाई की। सफाई करके लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया गया।
ऐसा लगा भगवान राम वनवास लौट आए : गोविंद सिंह
इस अवसर पर मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि लाखा बंजारा झील के पास इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित विशाल जनसमूह के हर्ष-उल्लास को देखकर लग रहा है कि आज भगवान राम वनवास से लौटकर अयोध्या आ गए हैं, निश्चित रूप से इस प्रकार के कार्यक्रम बनारस, उज्जैन आदि स्थानों पर होते हैं। सांसद लता वानखेड़े ने कहा कि सागर में पहली बार किस प्रकार का आयोजन किया जा रहा है इस कारण लोगों में बहुत उत्साह दिखा। निगमायुक्त राजकुमार खत्री ने कहा कि गंगा आरती के साथ देव दीपावली का यह भव्य दिव्य आयोजन सागर शहर की नई सांस्कृतिक पहचान बनेगा। जिस तरह काशी में देव दीपावली का आयोजन विश्वप्रसिद्ध है, उसी तरह सागर के चकराघाट की देव दीपावली आने वाले वर्षों में क्षेत्र की पहचान बनेगी।
इन संस्थाओं का मिला सहयोग
कार्यक्रम में शहर की समाजसेवी संस्थाओं, उत्सव समिति, ऑटो यूनियन, विचार संस्था, गायत्री परिवार, रीगल राईट काउंसिल,राष्ट्रीय हिंदू परिषद, सर्व ब्राह्मण समाज, महाकाल संगठन, अपनत्व सेवा समिति, सिंहस्थ एनजीओ सहित विभिन्न संस्थाओं ने भागीदारी कर इस आयोजन को यादगार बना दिया।
Published on:
06 Nov 2025 12:02 pm
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