- जबलपुर नाका चौकी का मामला
दमोह. भूरी गांव में दो सगे भाइयों के बीच उपजा पारिवारिक विवाद थाने में बजरंगबली के समक्ष ही खत्म हो गए। पुलिसकर्मी गवाह बने तो बजरंगबली मजिस्ट्रेट की भूमिका में रहे। इसके बाद तो न दलील हुईं न जिरह दोनों भाइयों ने आपसी सहमति से खून के रिश्तों में आई खटास को बजरंगबली के सामने समझौता कर खत्म कर लिया। यह मामला जबलपुर नगर चौकी क्षेत्र का है, जहां एक भतीजे को गोद लेने के बाद संबंधों में आई दरार से शुरू हुआ विवाद अब सौहार्दपूर्ण तरीके से खत्म हो गया है।
गोद लिया था भतीजा, बाद में बिगड़े रिश्ते
दरअसल भूरी बिजौरी गांव निवासी गणेश साहू ने संतान न होने के कारण 2022 में अपने छोटे भाई राम प्रसाद के बेटे खुमान को गोद लिया था। खुमान 2017 से अपने बड़े पिता गणेश के साथ भुसावल में मजदूरी कर रहा था। लेकिन 2024 में खुमान की शादी के बाद घर में कलह शुरू हुई और खुमान ने गणेश साहू से नाता तोड़ दिया। इस दौरान खुमान अपने साथ 400 ग्राम चांदी का डोरा, 200 ग्राम की पायल, 5 ग्राम की सोने की झुमकी और एक बाइक भी ले गया। यही विवाद दोनों पक्षों को चौकी तक ले आया।
चौकी में बजरंगबली के सामने सुलह
चौकी प्रभारी आनंद कुमार ने दोनों पक्षों को बुलाकर उनकी समस्या को सुना। जिसमें सामने आया कि दोनों पक्ष निपटारा चाहते हैं, लेकिन वह किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते। इसके बाद तय हुआ कि विवाद का निपटारा चौकी में स्थापित बजरंगबली के समक्ष होगा। पुलिस ने दोनों पक्षों की अपील को स्वीकार किया। इसके बाद आपसी सहमति से खुमान ने अपने बड़े पिता गणेश को वह जेवर लौटा दिए, जो खुमान की पत्नी को भेंट में दिए गए थे। वहीं गणेश साहू ने बाइक के बदले 30000 रुपए उसे दे दिए।
भगवान को मानते हैं, इसीलिए मंदिर में फैसला किया
खुमान के पिता राम प्रसाद ने कहा कि हम भगवान को मानते हैं, इसलिए हमने मंदिर में फैसला किया है। चौकी प्रभारी ने इसमें अच्छा सहयोग किया और हमें कोर्ट की कार्रवाई से बचाया। यही बात दूसरे पक्ष के गणेश साहू ने भी कही।
वर्शन
दोनों पक्ष चौकी के मंदिर में स्थित बजरंगबली को न्यायाधीश मानकर सुलह करना चाहते थे, इसलिए सहमति दी। इससे विवाद कोर्ट-कचहरी की बजाय शांतिपूर्वक सुलझ गया। पुलिस भी चाहती है कि आपसी सहमति से विवाद सुलझे।
आनंद कुमार, चौकी प्रभारी
Published on:
06 Jun 2025 07:35 pm