ब्रह्माकुमारी पार्वती ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का आध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र से हमें सफल जीवन जीने की कला मिलती है। श्रीकृष्ण ने देह अभिमान रूपी मटकी फोड़ी। आत्म अनुभूति का माखन खाया। काम, क्रोध, लोभ, मोह अहंकार इन पांच विकार रूपी कालिया नाग से युद्ध कर माया पर विजय प्राप्त की। जिसके कारण ही वो मायापति कहलाए।
ब्रह्मकुमारीज ने पथरिया जाट में श्रीकृष्ण की झांकी सजाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम किया। इसमें ब्रह्माकुमारी पार्वती ने कहा, आज समाज में हर व्यक्ति दूसरे में अवगुण ही देखता है। वह हर एक से बुराई ही ग्रहण करता है। जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि, अगर दृष्टि में बुराई होगी तो हमें हर एक में बुराई नजर आएगी और अगर दृष्टि में अच्छाई होगी तो हर एक में हमें अच्छाई ही नजर आएगी। इसलिए हमें संसार को नहीं स्वयं को परिवर्तन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में सहज ज्ञान और राजयोग की शिक्षा दी जाती है। इससे मनुष्य सहज ही मनोविकारों और बुराइयों पर विजय प्राप्त कर लेता है। लाखों भाई बहनों ने संस्था से जुडक़र अपने जीवन को ऐसा सकारात्मक बनाया है। इस आयोजन का भी लक्ष्य यही है कि जन-जन को परमात्मा शिव का और श्रीकृष्ण का परिचय मिले ताकि हर एक मानव मात्र अपने जीवन को शांतपूर्ण और सुखमय बना सके।
इस मौके पर बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। ब्रह्माकुमार मुकेश ने सभी को नशा मुक्त बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राजयोग के नियमित अभ्यास से हमें अपने मन को सशक्त बनाने की एक सहज राह मिल जाती है। कोई भी देवी या देवता नशा नहीं करता था। हम सब देवताओं के ही वंशज हैं, इसलिए भी हमें कोई भी नशा करना शोभा नहीं देता।
Published on:
19 Aug 2025 04:43 pm