बीना. यह घटना एक दर्द की भी है और इंसानियत की भी, जिसमें एक मूकबधिर और मानसिक विक्षिप्त महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। मां अपनी मानसिक स्थिति के कारण न तो बच्चे को पहचान पा रही है, न उसकी देखभाल कर पा रही है। यह घटना समाज को झकझोरती है। वहीं, इंसानियत की मिसाल भी सामने आई है, क्योंकि इस मासूम की परवरिश अब समाज के लोग कर रहे हैं। यह महिला करीब छह माह पहले ही शहर में आई थी, जो गर्भवती थी।
बच्चे का जन्म होने के बाद से ही स्थानीय लोग उसके लिए दूध, कपड़े और जरूरी सामान लेकर पहुंच रहे हैं। कोई उसे गोद में उठाकर प्यार करता है, तो कोई उसके भविष्य की चिंता कर रहा है। प्रशासन ने पीडि़ता की देखरेख और सुरक्षा के लिए इंतजाम किए हैं। यहां बड़ा सवाल यह है कि मानसिक रूप से असहाय महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम कब उठाए जाएंगे। यह मासूम अपनी मासूमियत से दुनिया को हंसा रहा है, लेकिन उसकी मां की हालत देखकर हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं। महिला को कुछ समझ तो नहीं आ रहा, लेकिन कुछ देर में अचानक वह बच्चे को गोद में लेकर उसे दुलार करने लगती है। कभी बच्चे को छोडकऱ पूरे अस्पताल परिसर में घूमती है। नर्सिंग स्टाफ भी महिला और बच्चे पर नजर रखे हुए है, जिससे बच्चे को कोई नुकसान न पहुंचे।
छह माह पहले आई थी बीना
महिला को सिविल अस्पताल लाने वाली सरस्वती ने बताया कि वह कटरा मंदिर के पास भिक्षा मांगने का काम करती है। करीब छह महीने पहले प्रीति (परिवर्तित नाम) उसके पास पहुंची थी, तब से वही उसका ध्यान रख रही थी। गुरुवार को महिला को प्रसव पीड़ा होने पर लोग सिविल अस्पताल लाए, जहां पर उसने लडक़े को जन्म दिया।
बच्चे को गोद लेने पहुंचे लोग
बच्चा होने की जानकारी लगते ही कई लोग बच्चे को गोद लेने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे, लेकिन इसकी प्रक्रिया लंबी होने के कारण फिलहाल बच्चे को किसी को नहीं दिया गया है।
कर रहे हैं जांच
महिला कहां की रहने वाली है और बीना कब आई है, इसकी जांच की जा रही है। महिला के बयान के लिए स्टाफ को भेजा था, लेकिन वह कुछ भी बोल नहीं पा रही है। फिलहाल बच्चे को सागर भेजा जाएगा, ताकि उसकी देखभाल हो सके।
अनूप यादव, थाना प्रभारी, बीना
Published on:
20 Sept 2025 11:55 am