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एमपीआरआरडीए के मापदंडों के अनुरूप रिफाइनरी प्रबंधन ने नहीं बनाया वैकल्पिक रोड, विभाग ने लेने से किया इंकार

बिल्धई-भांकरई रोड का 1.90 किमी का हिस्सा कर लिया है गया बाउंड्रीवॉल के अंदर

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The refinery management did not build an alternative road as per the MPRRDA norms, the department refused to accept it.

बाउंड्रीवॉल के बाजू से रिफाइनरी प्रबंधन ने बनवाई रोड।

बीना. प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत बिल्धई से भांकरई तक बने रोड का 1.90 किमी का हिस्सा बीपीसीएल रिफाइनरी प्रबंधन ने विधिवत तरीके से नहीं लिया है और बाउंड्रीवॉल के अंदर कर लिया है। प्रबंधन ने इसकी जगह बाजू से दूसरा मार्ग बनाया है, जिसे एमपीआआरडीए (मप्र ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण) के आधिपत्य में लिए जाने के लिए रिफाइनरी प्रबंधन ने पत्र लिखा है, लेकिन विभाग से रोड अपने आधिपत्य में लेने से इंकार कर दिया है और इसके लिए कुछ शर्तें रखी हैं।
बीपीसीएल के चीफ मैनेजर केपी मिश्रा द्वारा एमपीआरआरडीए को लिखे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि 2009-10 में प्रशासन के कहने पर बीपीसीएल के स्वामित्व वाली भूमि रोड के लिए दी गई थी, जिसका रखरखाव एमपीआरआरडीए द्वारा किया जा रहा है। रिफाइनरी विस्तार के दौरान नई इकाइयां विकसित हो रही हैं, इसलिए बीपीसीएल बीआर परिसर को सुरक्षित करने के लिए बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है, जिसमें 1.90 किमी का हिस्सा उपयोग में लिया गया है और इसकी जगह वैकल्पिक रोड बनाया गया है। इसकी देखरेख और रखरखाव के लिए एमपीआरआरडीए के आधिपत्य में लेने के लिए कहा है।

एमपीआरआरडीए के मापदंडों के अनुसार नहीं हुआ निर्माण
रिफाइनरी प्रबंधन को जवाब देते हुए एमपीआरआरडीए के महाप्रबंधक ने पत्र लिखा है कि रोड का जो भाग बीना रिफाइनरी की सीमा में आया है, उसका विधिवत हस्तांतरण नहीं किया गया है और न ही वैकल्पिक मार्ग का निर्माण विभाग के सुपरविजन व मापदंडों के अनुसार नहीं कराया गया है। इसलिए इस हिस्से को अपने आधिपत्य में रखकर उसका संधारण कार्य कराया जाए, जिससे ग्रामवासियों को असुविधा न हो। इस मार्ग को आधिपत्य में लेने के लिए एमपीआरआरडीए के दिशा-निर्देश अनुसार निर्माण कार्य कराने करीब 190 लाख रुपए की आवश्यकता होगी और इस राशि को जमा कराया जाएगा, तब आधिपत्य में लेने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

राशि जमा करने पर ली जाएगी रोड
रोड का हिस्सा 190 लाख रुपए की राशि जमा कराने के बाद आधिपत्य में लिया जाएगा, जिससे उसे मापदंडों के अनुरूप बनाकर उसकी देखरेख की जा सके।
एजाज कुरैशी, सहायक प्रबंधक, एमपीआरआरडीए