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युवा उत्सव में दिखेंगे परंपरा और संस्कृति के रंग, मानसिक अवसाद कम करने पर भी हो चर्चा

एक्सीलेंस गर्ल्स कॉलेज में युवा उत्सव की जिला स्तर बैठक हुई, इसमें जिले के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय के युवा उत्सव प्रभार उपस्थित हुए।

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सागर

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Reshu Jain

Oct 09, 2025

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जिला स्तर पर आयोजित होने वाले युवा उत्सव पर हुई चर्चा

सागर . एक्सीलेंस गर्ल्स कॉलेज में युवा उत्सव की जिला स्तर बैठक हुई, इसमें जिले के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय के युवा उत्सव प्रभार उपस्थित हुए। इस बार युवा उत्सव में पारंपरिक विषयों का शामिल किया गया। प्रतियोगिता में परंपरा व संस्कृति के रंग देखने मिलेंगे। इसके साथ युवाओं में बढ़ रहे मोबाइल प्रेम व मानसिक अवसाद पर भी चर्चा होगी।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आनंद तिवारी ने कहा शिक्षक एक गरिमा का पद होने के साथ समाज का जिम्मेदार व्यक्ति होता है, क्योंकि वह इंसानों को गढऩे का कार्य करता है। शासन की युवा उत्सव गतिविधियां विद्यार्थियों को रचनात्मक से जोडऩे का कार्य करती है। अत: आप सभी उन्हें प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित कीजिए। डॉ. निशा इंद्रगुरु ने जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं के विषय चयन एवं आयोजित विधाओं का स्थान एवं दिनांक का चयन सर्वसम्मति से करवाया। डॉ. अंजना चतुर्वेदी ने कहा युवा उत्सव एक समग्र प्रयास के माध्यम से सम्पन्न होता है। अत: महाविद्यालय के साथियों का सहयोग आवश्यक है। आप सभी महाविद्यालय के विद्यार्थियों को इस आयोजन की जानकारी देकर प्रोत्साहित कीजिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रश्मि दुबे ने किया। इस बैठक में जिले के विभिन्न महाविद्यालयों से प्राचार्य एवं उनके प्रतिनिधि के रूप में डॉ. रूचि राठौर, डॉ. अभिषेक पंथी, श्री शिवलाल अहिरवार, डॉ. रेखा तिवारी, डॉ. अपर्णा दुबे, अंकिता चैरसिया, डॉ. रश्मि जैन, डॉ. विशाल मिश्रा, अभिषेक सिंह लोधी, संतोष सोनी, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. घनश्याम भारती,डॉ. प्रेम चतुर्वेदी, डॉ. विकास चंद्र त्रिपाठी, डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. दीप्ति जैन, अंकिता ठाकुर, सुभांजलि रैकवार, प्रगति बिल्थरे उपस्थित रहे।

ये होंगी प्रतियोगिताजिला स्तरीय

युवा उत्सव प्रतियोगिता हेतु विभिन्न विधाओं के विषय

- वाद-विवाद - परंपराओं का संरक्षण ही भारत को विश्वगुरु बना सकता है

- वक्तृता - युवाओं में बढ़ते मानसिक अवसाद का भारतीय उपचार

पोस्टर - पारंपरिक औषधीय वनस्पति

- क्ले मॉडलिंग - पारंपरिक खिलौने (अधिकतम आठ)- रंगोली

- पनघट का दृश्य- कार्टूनिंग - युवा वर्ग का मोबाइल

प्रेम- कोलॉज - ऑपरेशन सिंदूर

- चित्रकला - भारतीय गुरुकुल का दृश्य