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ब्लॉक में बनाई गई हैं तीन गोशाला, क्षमता सिर्फ 300, नतीजा सड़क पर बैठा गोवंश

लखाहर गोशाला के संचालन को लेकर नहीं हो पा रहा निर्णय, गोवंश की नहीं हो पारही देखभाल

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Three cow shelters have been built in the block, with a capacity of only 300, resulting in cattle sitting on the road.

लखाहर गोशाला की स्थिति

बीना. सड़कों पर बैठे गोवंश को हटाने के उद्देश्य से ब्लॉक में तीन गोशालाओं का निर्माण कराया गया है, लेकिन इनमें गोवंश रखने की क्षमता बहुत कम है, जिससे समस्या हल नहीं हो पा रही है। एक गोशाला का संचालन करने के लिए पंचायत और समूह भी तैयार नहीं हैं। जबकि इसके लिए शासन द्वारा राशि भी दी जाती है।
ब्लॉक में ग्राम पंचायत ऐरण, देवल और लखाहर में गोशाला बनाई गई हैं। एक गोशाला में 100 गोवंश रखने की क्षमता है। इन गोशालाओं का संचालन पहले स्व-सहायता समूह कर रहे थे, लेकिन समूह से अनुबंध न होने पर देवल और ऐरण का संचालक ग्राम पंचायत कर रही हैं। वहीं, लखाहर स्थित गोशाला में करीब चार माह पहले समूह ने काम छोड़ दिया है, जिससे गोवंश को नहीं रखा जा सका। अब पिछले कुछ दिनों से यहां पंचायत गोशाला संभाल रही है और वर्तमान में करीब 65 गोवंश है। जानकारी के अनुसार यहां कोई समूह कार्य करने तैयार नहीं है। समीक्षा बैठक में भी यह मुद्दा उठा था और इस समस्या को जल्द से जल्द हल करने के निर्देश दिए गए हैं।

20 से बढ़ाकर किए 40 रुपए
पहले गोशाला में एक गोवंश की देखरेख के लिए 20 रुपए प्रतिदिन मिलते थे, लेकिन कम रुपयों में देखभाल न होने के कारण अब 40 रुपए कर दिए गए हैं। इसके बाद भी समूह कार्य नहीं कर रहे हैं। जबकि समूहों को गोबर के उत्पाद तैयार कर भी बेचने थे, जिससे आय बढ़ती।

पंचायत कर रही है देखरेख
एनआरएलएम के डालचंद बरदेले ने बताया कि लखाहर में गोशाला में करीब 65 गोवंश है और पंचायत देखरेख कर रही है। पिछले महीनों में समूह ने गोवंश की एंट्री नहीं की थी, जिससे यह स्थिति निर्मित हुई है।

लखाहर गोशाला को लेकर जल्द होगा निर्णय
लखाहर गोशाला के संचालन को लेकर जल्द निर्णय होना है, जिससे उसका गोवंश की अच्छे से देखभाल हो सके। देवल और ऐरन गोशाला का संचालन जिला पंचायत के आदेश पर ग्राम पंचायत कर रही हैं।
रितु जैन, सीइओ, जनपद पंचायत, बीना