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वंदे मातरम् विवाद! संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क बोले- मेरे मजहब के खिलाफ हैं इसके शब्द, इसलिए नहीं गाता

Sambhal News: संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने वंदे मातरम् को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके कुछ शब्द उनके मजहब के खिलाफ हैं, इसलिए वह यह गीत नहीं गाते।

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सम्भल

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Mohd Danish

Nov 09, 2025

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वंदे मातरम् विवाद! Image Source - 'X' @barq_zia

Vande mataram controversy mp ziaur rahman barq: यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क का एक बार फिर वंदे मातरम् को लेकर दिया गया बयान चर्चा में आ गया है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि वह वंदे मातरम् नहीं गाते, क्योंकि इस गीत के कुछ शब्द उनके मजहब की आस्था के खिलाफ जाते हैं। बर्क ने कहा कि उनका धार्मिक सिद्धांत केवल एक अल्लाह की इबादत की इजाजत देता है, इसलिए वह किसी अन्य प्रतीक या स्थान को सजदा नहीं कर सकते।

दादा शफीकुर्रहमान बर्क का भी रहता था लगातार विरोध

सांसद बर्क ने यह भी कहा कि वंदे मातरम् के विरोध की यह सोच केवल उनकी व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि उनके परिवार का यह पुराना रुख रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि उनके दादा और पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क भी इस गीत का हमेशा विरोध करते आए थे। यहां तक कि बसपा सरकार के समय, विधानसभा में वंदे मातरम् बजने के दौरान उनके दादा वॉकआउट कर गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश में राजनीतिक हलचल मच गई थी।

जन-गण-मन के प्रति सम्मान जताते हुए बोले, राष्ट्रगीत गाने की मजबूरी नहीं

मीडिया से बातचीत में जियाउर्रहमान बर्क ने यह दोहराया कि वह भारत के राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ का पूरा सम्मान करते हैं और उसे गाते भी हैं, लेकिन वंदे मातरम् राष्ट्रगीत होने के बावजूद बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि यह उनका संवैधानिक और मजहबी अधिकार है कि वे किसी गीत को गाएं या न गाएं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 1986 के केरल केस का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने भी स्पष्ट किया था कि किसी नागरिक को राष्ट्रगीत गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता और देशभक्ति का पैमाना गाना-न गाना नहीं है।

मिट्टी से मोहब्बत का दावा, इबादत नहीं करने की दलील

सपा सांसद ने साफ कहा, “मैं इस मुल्क की मिट्टी से मोहब्बत करता हूं, वफादार हूं, लेकिन उसकी इबादत नहीं कर सकता।” उन्होंने कहा कि उनका यह फैसला न तो देशभक्ति को कम करता है और न ही संवैधानिक भावना के खिलाफ है। उनके अनुसार, वंदे मातरम् के कुछ शब्द इस्लामिक आस्था से मेल नहीं खाते, इसलिए वह इसे नहीं गाते, जबकि राष्ट्रगान में ऐसा कोई शब्द नहीं है जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए।

ST हसन के हालिया बयान के बाद बढ़ी सियासी गरमी

जियाउर्रहमान बर्क का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा था कि इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत की अनुमति नहीं है, इसलिए मुसलमान वंदे मातरम् नहीं गा सकते। लगातार दो बयानों ने उत्तर प्रदेश की सियासत में फिर नई बहस छेड़ दी है और विपक्षी दलों ने इसे लेकर सपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।


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