
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News:एमपी के सतना जिले में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। गुरुवार को पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि शहरों में डॉक्टर की सलाह के बिना दवा नहीं दी जा रही, वहीं ग्रामीण इलाकों में मेडिकल स्टोर्स पर बिना पर्ची के ही बच्चों को खांसी की सिरप और अन्य दवाएं थमा दी जा रही हैं। यह चलन न सिर्फ नियमों की अनदेखी है, बल्कि मासूमों की जान के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। पत्रिका रिपोर्टर ने सबसे पहले सतना शहर के अस्पताल चौराहे स्थित भारत मेडिकल और रामा मेडिकल स्टोर्स में ग्राहक बनकर बच्चों की खांसी की सिरप मांगी।
दोनों जगह संचालकों ने साफ शब्दों में कहा कि डॉक्टर का पर्चा दिखाइए, तभी दवा दी जाएगी। बता दें कि जिले के मेडिकल स्टोर संचालकों को बच्चों की दवाइयां बगैर डॉक्टर के पर्चे के नहीं दिए जाने की सख्ती की गई है। शहरों में ड्रग इंस्पेक्टर और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी के कारण नियमों का पालन हो रहा है। ग्रामीण अंचलों में निरीक्षण की कमी से मेडिकल स्टोर मनमानी कर रहे हैं।
बिरसिंहपुर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई। यहां श्रीराम मेडिकल स्टोर में नीरज साकेत ने मेडिकल स्टोर संचालक से कहा कि दो-ढाई साल के बच्चे को खांसी आ रही है। कुछ दवा दे दीजिए। संचालक ने बिना कोई प्रश्न पूछे या बच्चे की उम्र, वजन या पूर्व इलाज के बारे में जानकारी लिए सीधे काउंटर से आस्थाकाइंड एलएस सिरप निकाल दी। दवा के साथ संचालक ने कहा दिन में तीन बार 5 एमएल पिलाइए। जल्दी आराम मिल जाएगा। पूरी प्रक्रिया में मुश्किल से एक मिनट लगा और दवा के बदले 85 रुपए लिए गए।
मझगवां मुय बाजार में स्थित कान्हा मेडिकल में पत्रिका संवाददाता ने दो साल के बच्चे के लिए खांसी की दवा मांगी। संचालक ने बिना कुछ पूछे या डॉक्टर की पर्ची मांगे कहा कि यह दवा बहुत काम की है। दिन में दो बार 3 एमएल दीजिए और कोलीन कफ एलएस नाम की सिरप थमा दी। दवा की कीमत 90 रुपए बताई गई। मेडिकल स्टोर संचालक ने यह तक नहीं पूछा कि डॉक्टर का पर्चा कहां है? किसी डॉक्टर को दिखाए हैं या नहीं।
मनमानी का तीसरा उदाहरण रामपुर बाघेलान से सामने आया। आलोक फार्मा नाम के मेडिकल स्टोर में आशुतोष नाम के व्यक्ति ने बच्चे के लिए खांसी की सिरप मांगी। संचालक ने बिना डॉक्टर की पर्ची देखे या कोई प्रश्न पूछे टस्क्यू-डी एक्स सिरप थमा दी। उन्होंने कहा कि यह दवा बच्चों को दिन में दो बार दीजिए, जल्दी फायदा होगा। दवा के एवज में 100 रुपए लिए गए।
मेडिकल स्टोर संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बगैर डॉक्टर के पर्चे के किसी भी ग्राहक को दवाई नहीं देना। अगर ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा हो रहा तो मेडिकल स्टोर संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कल ही ग्रामीण इलाके का दौरा करेंगे। - प्रियंका चौबे, ड्रग इंस्पेक्टर सतना
Published on:
10 Oct 2025 01:25 pm
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