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PM आवास योजना: घर बनाने वालों का सपना अधूरा, नहीं हो रहे सत्यापन !

MP News: जुलाई और अक्टूबर महीने के बीच प्राप्त आवेदनों का स्टेट्स देखा जाए तो नगर निगम के संबंधित अधिकारी आवास के प्रकरणों में रुचि लेते नजर नहीं आ रहे हैं...

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सतना

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Astha Awasthi

Nov 03, 2025

फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: पीएम आवास योजना शहरी के तहत घर बनाने के लिए पात्र लाभार्थी परेशान चल रहे हैं। होम लोन के ब्याज में सब्सिडी प्रदान करने की योजना के आवेदनों के सत्यापन में लेटलतीफी हो रही है। नगर निगम में पहुंचे आवेदन अफसरों की टेबल में पड़े धूल खा रहे हैं। अफसर इन आवेदनों का सत्यापन तक नहीं कर रहे हैं ऐसे में स्वीकृति का मामला दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। इन हालातों में कमजोर वर्ग के लोगों की अपना खुद का घर बनाने की तैयारी दफ्तरों की सीढ़ियां चढ़ने तक सीमित हो कर रह गई हैं।

किए गए स्वीकृत

निगम में पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के आईएसएस ( इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम) घटक अर्थात ब्याज सब्सिडी योजना के तहत 31 जुलाई की स्थिति में कुल 59 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस दौरान तक प्राप्त आवेदनों में से 23 आवेदन सत्यापित हो सके थे। जिसमें से महज 7 आवेदन स्वीकृत किए गए।

अक्टूबर में 23 अक्टूबर को प्राप्त आवेदनों की संख्या बढ़ कर 86 हो गई। जिसमें से 40 आवेदनों को सत्यापित किया जा सका है। इस सत्यापित आवेदनों में से 27 की ही संबंधित एनेक्सर 7 में फीडिंग की गई। एनेक्सर 7 वह प्रारूप है जिसमें प्राथमिक ऋण संस्थाओं को ब्याज सब्सिडी के पात्र लाभार्थियों के आवेदन आगे कार्यवाही के लिए भेजे जाते हैं। एनेक्सर 7 में दर्ज आवेदनों में से महज 19 की ही जियो टैगिंग की गई। जियो टैग किए गए प्रकरणों में से सिर्फ 11 प्रकरण ही केन्द्रीय नोडल एजेंसी द्वारा स्वीकृत किए गए।

दफ्तरों में चक्कर लगा कर थक चुके

पीएम आवास योजना शहरी के तहत आवेदन करने वाले आवेदक के भाई जयमन सिंह ने बताया कि उनके भाई ने घर बनाने के लिए 4 माह पहले आवेदन लगाया था। संबंधित शाखा के अधिकारी पहले तो आज कल हो जाएगा कहकर काम टालते रहे। बमुश्किल दो माह बाद सत्यापन किया गया। अब जियो टैगिंग में मामला उलझा है। अगर समय पर प्रकरण स्वीकृत हो जाता तो अभी तक घर बनाना शुरू कर देते।

निगम में स्टाफ की काफी कमी है। कई अन्य प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं। कुछ विलंब तो हो रहा है, लेकिन इसकी गति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी हाल में लगातार बैठकें लेकर कार्य में तेजी लाई गई है।- शेर सिंह मीना, निगमायुक्त

तीन माह में महज 17 आवेदनों का सत्यापन

जुलाई और अक्टूबर महीने के बीच प्राप्त आवेदनों की प्रगति देखें तो नगर निगम के संबंधित अधिकारी आवास के प्रकरणों में रुचि लेते नजर नहीं आ रहे हैं। तीन महीनों में जहां 27 नए आवेदन आ गये। कुल 17 आवेदन ही सत्यापित किए जा सके। महज 9 की जियो टैगिंग की गई और सिर्फ 4 आवेदन केन्द्रीय नोडल एजेंसी द्वारा स्वीकृत किए गए।