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जो जमीन मिल गई है कागजों में उसे ले लीजिए, इंची टेप लगाने की क्या जरूरत है

दौरी सागर बांध भू-अर्जन मामले में विवादित जमीन लेने वन विभाग पर दबाव

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dauri sagar

सतना। अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी की मौजूदगी में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में सांसद-विधायकों ने जमकर भड़ास निकाली। खासतौर पर बिजली, सड़क और पानी के मुद्दे पर अधिकारियों को जमकर घेरा। सबसे अधिक नाराजगी बिजली की समस्याओं पर जताई गई। आरडीएसएस सहित अन्य योजनाओं के तहत कराए जाने वालों पर सवाल उठाया। कहा गया कि अधिकारी और ठेकेदार गांव वालों से पैसे लेकर उनके मनके मुताबिक ट्रांसफार्मर लगा रहे हैं। जलजीवन मिशन के कामों पर भी सवाल खड़े किए गए। स्थिति बिगड़ती देख उपमुख्यमंत्री ने बीचबचाव का प्रयास किया। सतना - रीवा रोड के घटिया निर्माण का भी मामला उठा। इस दौरान सांसद गणेश सिंह और विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने दौरी सागर बांध के भू अर्जन का मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि वन विभाग जबरन रोड़े अटका रहा है तो सांसद ने कहा कि वन विभाग को कागज पर जमीन मिल गई है। अब क्यों इंची टेप लगा कर नाप रहे हैं। दरअसल इस मामले में वन विभाग उन्हें मिल रही अतिक्रमण वाली राजस्व भूमि को वन भूमि से अदला बदली को तैयार नहीं है। लिहाजा भू-अर्जन में विलंब हो रहा है। बैठक में नगरीय विकास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, संभागायुक्त बीएस जामोद, जिपं अध्यक्ष सतना रामखेलावन कोल, संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संभागीय अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

दौरी सागर परियोजना पर नाराजगी

सतना जिले की दौरी सागर परियोजना का मामला भू-अर्जन में अटका हुआ है। वन विभाग की काफी जमीन डूब में आ रही है। इसके बदले वन विभाग को राजस्व भूमि दी जा रही है। जो जमीन वन विभाग को दी जा रही है उस राजस्व भूमि पर अतिक्रमण है और कुछ राजस्व भूमि ऐसी है जो पूर्व में वन विभाग के रिकार्डों में वन भूमि दर्ज हैं। लिहाजा इन दोनों तरह की विवादित राजस्व भूमि की वन भूमि से अदला बदली करने से वन विभाग इंकार कर रहा है। जिससे भू-अर्जन का मामला लंबित हो रहा है। इस मुद्दे पर चित्रकूट विधायक ने कहा कि वन विभाग जबरन का अड़ंगा लगा रहा है। इसी दौरान सांसद गणेश सिंह ने कहा कि आपको कागज पर जमीन मिल गई है। ले लीजिए, अब इंची टेप लेकर क्यों नाप रहे हैं। इस पर वन विभाग की ओर से बताया गया कि इन जमीनों पर गांव बसे हैं और अतिक्रमण है। सांसद ने कहा कि अतिक्रमण तो वन भूमि पर भी है। उन्हें हटाइये। हालांकि बात बढ़ती देख कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने कहा कि पूर्व में वन विभाग को 27 एकड़ जमीन दी गई थी। जिसमें अतिक्रमण है और कई सालों से यह हट नहीं पा रहा है। इस कारण वन संरक्षण के कार्य यहां नहीं हो पा रहे हैं और पैसा वापस जा रहा है। इस वजह से वन विभाग ऐसी जमीनें नहीं ले रहा है।

परिवार बढ़ रहा है तो जगह बढ़ानी पड़ेगी

चित्रकूट विधायक ने वनाधिकार नियमों पर भी सवाल खड़े करते हुए वन विभाग को घेरने का प्रयास किया। कहा कि कानून 20 साल पहले की खेती की बात करता है। अब जो 15 साल से कर रहा है उसे हटा देते है। यहां रहने वालों का परिवार बढ़ रहा है तो जगह बढ़ानी ही पड़ेगी। लेकिन वन विभाग ऐसा नहीं करने दे देता है। कंजर्वेशन रिजर्व पर कहा कि अभी ही वन विभाग काफी परेशान करता है। एक जानवर मर जाता है तो वन विभाग जेल भेज देता है। कन्जरवेशन रिजर्व हो जाएगा तो ये लोग जीने नहीं देंगे। हालांकि इस दौरान कई बार इन्हें शांत रहने कहा गया तो विधायक ने कहा कि यहां नहीं बोलू तो मेरी बात कहां सुनी जाएगी। उन्होंने 6 नए बांधों का मंजूरी, बगदरा में गौ अभ्यारण्य की स्थापना, टोंसबराज से सिंचाई के लिए पानी देने का भी मामला उठाया।

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में सतना को शामिल करें

सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सिंगरौली से रीवा और कटनी होकर भोपाल जाने वाले इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से सतना मुख्यालय को हटा दिया गया है, जबकि सतना एक औद्योगिक जिला है। सतना को इस कॉरिडोर से जोड़ना आवश्यक है, ताकि क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियां सुचारू रूप से चल सकें। उन्होंने टाइगर प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को कान्हा से बांधवगढ़, मैहर के सरसी मार्कण्डेय होकर बौद्ध स्थल भरहुत को जोड़कर पन्ना तक विस्तारित किया जाना चाहिए। इससे न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खुलेंगी। उन्होंने वाइट टाइगर सफारी को लेकर रीवा और मैहर जिलों की सीमा विवाद पर तल्खी जाहिर की। कहा, जिलों की सीमाओं को किसी भी तरह से डिस्टर्ब नहीं किया जाना चाहिए। यदि निकटता के आधार पर सीमाओं में बदलाव किया जाने लगा, तो इसका कोई अंत नहीं होगा। इसलिए, मौजूदा व्यवस्था को यथावत रखा जाए। चित्रकूट दीपावली मेले को राज्य के कैलेंडर में शामिल करने सहित इसके लिए बजट आवंटन की मांग की। इसके अलावा खाद की आपूर्ति व टोंसबराज की जमीन किसानों को वापस करने की बात रखी।

सतना-रीवा रोड पर नाराजगी

सतना-रीवा रोड की खस्ता हालत पर सतना जिले के जनप्रतिनधियों ने नाराजगी जाहिर की। कहा, अभी निर्माण कार्य पूरे नहीं हुए हैं और टोल लगाकर वसूली शुरू है। रोड काफी खस्ता हाल है। आए दिन हादसे हो रहे हैं। सतना जिले के मामलों पर कमिश्नर ने कहा कि कलेक्टर के साथ संबंधित विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि बैठकर चर्चा कर लें। अगर मामला नहीं सुलझता है तो फिर उसे शासन स्तर पर भेजें। विधायक मैहर श्रीकांत चतुर्वेदी ने मॉडल नर्सरी के निर्माण तथा अधोसंरचना विकास के लिए वन भूमि उपलब्ध कराने की बात रखी।

सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर अमल करें: रश्मि

अपर मुख्य सचिव रश्मि अरूण शमी ने कहा कि बिजली विभाग, सिंचाई विभाग, पीएचई, वन विभाग तथा सड़कों में सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर तत्परता से कार्यवाही करें। विभागीय समन्वय से संभाग के विकास कार्यों को गति दी जाएगी।