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Rajasthan: रणथम्भौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना फिर अटकी, जानें वजह

Ranthambore: राजस्थान के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए ई-बस योजना अटकती नजर आ रही है।

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इलेक्ट्रिक बस। पत्रिका फाइल फोटो

सवाईमाधोपुर। राजस्थान के टाइगर रिजर्व क्षेत्र स्थित धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा और वन क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए राज्य सरकार की ई-बस योजना कागजों में ही अटकी नजर आ रही है।

पूर्व में सरकार ने रणथम्भौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर और अलवर के सरिस्का स्थित पाण्डुपोल मंदिर तक श्रद्धालुओं के लिए ई-बसों का संचालन शुरू करने की तैयारी की थी। पहले चरण में 80 बसें खरीदी जानी थीं, जिनमें से 40 बसें रणथम्भौर और 40 बसें सरिस्का में चलाने की योजना थी। इनके संचालन का जिम्मा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को सौंपा गया था।

रखरखाव का करार, लेकिन संचालन अधर में

बसों के रखरखाव के लिए राजस्थान सरकार ने निजी फर्म से करार किया था। रणथम्भौर में इन बसों का संचालन गणेश धाम से जोगीमहल तक प्रस्तावित था। हालांकि इससे पहले भी इलेक्ट्रिक बसों की योजना बनी थी, लेकिन निजी जीप संचालकों के विरोध के चलते वह परवान नहीं चढ़ सकी। वर्तमान में मंदिर तक श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए निजी जीपों का संचालन हो रहा है।

इनका कहना है

इस प्रकार की योजना तो बनी थी, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिले हैं। इस बारे में मुझे अधिक जानकारी नहीं है।
-दिलीप शर्मा, कार्यवाहक डिपो प्रबंधक, सवाईमाधोपुर।


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