Kubereshwar dham Accident: हर साल भारी अव्यवस्थाओं के बीच रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav) करने वाले पं. प्रदीप मिश्रा के हठयोग में श्रद्धालुओं की मौतों का सिलसिला जारी है। मंगलवार को उमड़ी भारी भीड़ के बीच दो महिला श्रद्धालुओं की मौत के बाद बुधवार को हरियाणा, गुजरात व छत्तीसगढ़ के 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। तीन घायल हैं। वहीं अभी-अभी एक और श्रद्धालु की मौत की खबर आई है। यानी मौतों का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी। पंडित प्रदीप मिश्रा की अव्यवस्थाओं में तीन दिन में कुबेरेश्वर धाम (Kubereshwar Dham) में 6 मौतें हुई हैं। मिश्रा ने बिना तैयारी व व्यवस्था बनाए ही कांवड़ यात्रा का आयोजन किया।
नतीजा, बुधवार तक करीब ढाई लाख श्रद्धालु पहुंच गए। इसमें बुजुर्ग और अन्य श्रद्धालु गिरे तो संभलने का मौका नहीं मिला। इसी हठ में कांवड़ यात्रा के कारण इंदौर-भोपाल हाईवे, डायवर्सन रोड पर 18 किमी जाम में लोग परेशान होते रहे। प्रशासन तमाशबीन बना रहा। मंगलवार रात 8 बजे से बुधवार दोपहर 2 बजे 20 घंटे गाड़ियां रेंगती रही। एम्बुलेंस भी फंसीं। एक-एक गाड़ियों को निकलने में 5 घंटे लगे।
सीहोर जिला अस्पताल में हर 10 मिनट में गंभीर घायल इलाज के लिए पहुंचेे। इस अव्यवस्था पर हर बार की तरह पं. प्रदीप मिश्रा ने पुराना सुर छेड़ा। कहा, उम्मीद से ज्यादा भीड़ पहुंची। जबकि 3 साल के आंकड़े बताते हैं, ढाई-तीन लाख की भीड़ यहां आती ही है।
कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा, समिति और प्रशासन ने व्यवस्थाएं पूरी की थीं, लेकिन जिस तरह कुंभ में श्रद्धालुओं के सैलाब का अंदाजा किसी को नहीं होता, यहां भी नहीं था। उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालु आ गए।
पंचावल गुजरात से आए चतुर भाई (50) भीड़ में आनंद होटल के पास गिरकर घायल हो गए। जिला अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई। झज्जर रोहतक (हरियाणा) के ईश्वर सिंह यादव (65) पत्नी सुशीला के साथ पहुंचे। कुबेरेश्वर धाम में ही वे भीड़ में गिर पड़े। इसके बाद वे उठ न सके। मौत हो गई। कांवड़ यात्रा में धक्का लगने से सुनीता (50) का पैर टूट गया। नागपुर की मनीषा (48) बेहोश होकर गिरीं। वे आधे घंटे पड़ी रहीं, गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत नाजुक है। भीड़ में घायल हुए रायपुर (छत्तीसगढ़) के दिलीप सिहारी (57) की भी मौत हो गई।
आज गुरुवार 8 अगस्त की सुबह भी एक और श्रद्धालु की मौत की खबर आई है। मृतक का नाम उपेंद्र गुप्ता पिता प्रेम गुप्ता उम्र 22 वर्ष निवासी बड़ा टोला जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश है। शव को जिला अस्पताल भेजा गया है, दोपहर में पोस्टमार्टम होगा। जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि श्रद्धालु की मौत भूख-प्यास से गई है या फिर भीड़ में दम घुटने से।
कावड़ यात्रा से सीहोर समेत इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर लंबा जाम लगा। प्रशासन ने जो डायवर्सन मार्ग बनाए थे, वह भी 18 किमी तक 20 घंटे से जाम है। क्रिसेंट चौराहे से लेकर भाऊखेड़ी, अमलाहा तक गाड़ियां मंगलवार रात 8 बजे से बुधवार दोपहर 2 बजे तक रेंगती रही। एक-एक गाड़ी को निकालने में 4-5 घंटे लग गए। सीहोर में सीवन नदी चौराहे से चौया चौपाल और कुबेरेश्वर धाम तक १२ किमी में कांवड़ यात्रा निकल रही है। आलम यह हैकि सड़क पर पैर रखने की जगह नहीं है। लोग घरों में मानो कैद हो गए हैं। हाईवे पर करीब 3500 वाहन फंसे हैं। एम्बुलेंस तक को रास्ता नहीं मिल रहा है।
कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा सुबह 9 बजे सुरक्षा घेरे में सीवन नदी तट पर पहुंचे। कांवड़ में जल लेकर 12 किमी लंबा सफर तय कर वे कुबेरेश्वर धाम के लिए निकले। उनके साथ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ निकली। 7 घंटे की यात्रा में वे थिरकते रहे। श्रद्धालुओं की मौत का जरा भी अफसोस उनके चेहरे पर नजर नहीं आया।
--सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वर घाम पहुंचे श्रद्धालुओं को आश्रम में महिलाओं-बच्चों को पीने के लिए पानी तक नसीब नहीं हुआ।
--मंगलवार रात लोगों ने फुटपाथ, मंदिर परिसर और रेलवे स्टेशन पर काटी, सुबह खुले में शौच को जाना पड़ा।
--यात्रा के लिए देशभर से 12 डीजे मंगवाए। इसमें सीहोर, इंदौर, झारखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छग के डीजे शामिल थे। शोर इतना तेज था कि कार के शीशे टूट गए।
2022 में 28 फरवरी को रुद्राक्ष महोत्सव में ४० किमी लंबा जाम लगा। मंत्री इंदर सिंह परमार व तुलसी सिलावट भी जाम में फंसे थे। तब भी उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की बात कही।
● 2023 में 16 फरवरी को इंदौर-भोपाल हाईवे पर २७ किमी लंबा जाम लगा। २ लाख लोग आए। दो दिन में दो महिला व ३ साल के बच्चे की मौत हुई। तब मिश्रा ने कहा-सभी को वीआइपी ट्रीटमेंट नहीं दे सकते।
● 2024 में 3 लाख श्रद्धालु आए। अव्यवस्थाओं में 87 लोग बीमार हुए। तब भी मिश्रा का यही बयान था।
पहले के अनुभवों से प्रशासन, समिति ने सबक नहीं लिया। कार्यक्रमों में अचानक भीड़ उमड़ती है। इसे नजरअंदाज किया। यह बड़ी चूक है। यह समिति का निजी कार्यक्रम है। पर्याप्त व्यवस्थाएं व वालेंटियर लगाने चाहिए। समिति खुद व्यवस्था करने से बचना चाहती है।
वीके चतुर्वेदी, पूर्व अपर कलेक्टर।
Updated on:
07 Aug 2025 10:22 am
Published on:
07 Aug 2025 09:36 am