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फसल के वास्तविक नुकसान का किया जाए आंकलन, कम दी जा रही क्षतिपूर्ति

किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन

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किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन
शहडोल. बारिश से फसल नुकसान व धान बिक्री के लिए पंजीयन का पूर्ण सत्यापन न होने से परेशान किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में किसान संघ ने उल्लेख किया है कि असमय वर्षा के चलते किसानों की सोयाबीन व धान की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई है। खेतों में पानी भरने से फसलें गल सड़ गई हैं, दाने काले पड़ गए और कई जगह फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। किसानों की मेहनत, लागत एवं ऋण आधारित खेती पूरी तरह चौपट हो गई है। सोयाबीन फसल का सर्वे कृषि एवं राजस्व विभाग ने किया है। इसमें बीमा कपंनियों ने जो मूल्यांकन किया है वह मूल्यांकन वास्तवित नुकसान के अनुरूप नहीं है। इसके अलावा धान पंजीयन में अनेक किसानों का सत्यापन छूट गया है, जिससे वह समर्थन मूल्य पर फसल बेंचने के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। छूटे हुए किसानों का पुन: सत्यापन कर पंजीयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए। वर्तमान में जो धान का सर्वे किया जा रहा है वह कई स्थानों पर सिर्फ औपचारिकता तक सीमित है। पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव एव कृषि विभाग के अधिकारी स्थानीय किसानों के प्रतिनिधि की उपस्थिति में समुचित एवं वास्तविक नुकसान का मूल्यांकन करें ताकि किसानों को सही राहत मिल सके।