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गौवंशों में तेजी से बढ़ रहा लंपी वायरस का संक्रमण, हर दिन सामने आ रहे 5-7 मामले

जिले में 524536 गौवंशों की संख्या, वैक्सीन का सिर्फ 1 लाख 7600 डोज मिला

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जिले में 524536 गौवंशों की संख्या, वैक्सीन का सिर्फ 1 लाख 7600 डोज मिला
शहडोल. जिले में मवेशियों पर लंपी वायरस का खतरा बढऩा शुरू हो गया है, गौवंशों में लगातार संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार हर दिन औसतन 5 से 7 नए गौवंश इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं, जिससे पशुपालकों में चिंता बनी हुई है। जिले में गौवंशों को संक्रमण से बचाने के लिए प्री वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया है। विभाग को 1 लाख 7600 वैक्सीन का डोज ही प्राप्त हुआ था, जिसमें अब तक 107492 डोज लगाए जा चुके हैं। जिले में गौवंशों की संख्या 524536 है। ऐसे में 25 फीसदी से भी कम गौवंशों को वैक्सीनेशन का लाभ मिल सका है। इतना ही नहीं लंपी वायरस के लगातार सामने आ रहे मामले को देखते हुए गौसेवक भी सक्रिय हो गए हैं और संक्रमित पशुओं का नि:शुल्क उपचार करना शुरू कर दिया है।

गौसेवकों ने बनाया लंपी वार्ड

मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अटल कामधेनू गौसेवा संस्था भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। हर रोज 3-4 संक्रमित पशुओं का नि:शुल्क उपचार कर उनेकी देखभाल कर रही है। अटल कामधेनू संस्थान के सेवक गौरव मिश्रा ने बताया कि लंपी वायरस का खतरा सबसे अधिक मुख्यालय में देखा जा रहा है। विभाग की तरफ से कुछ वैक्सीन उपलब्ध कराई गई थी, जिसे गौवंशों को लगाया गया है। इसके बाद अब स्वयं के व्यय से उपचार कर रहे हैं। गंभीर मवेशियों के लिए अमिलिहा में लंपी वार्ड भी बनाया गया है, जहां वर्तमान में करीब 4 गायों का उपचार किया जा रहा है।

रीवा से प्राप्त होगी वैक्सीन की 23 हजार डोज

जिले में लगातार बढ़ रहे लंपी वायरस के मामले को देखते हुए व वैक्सीन की सीमित डोज होने पर विभाग अब उन क्षेत्र के चारों तरफ वैक्सीनेश करा रहा है, जिस क्षेत्र से केस सामने आ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में प्राप्त वैक्सीन को सभी ब्लाकों में वितरित किया गया था, जिसकी खपत लगभग हो चुकी है। 23 हजार डोज की मांग की गई थी, जो जल्द ही रीवा से प्राप्त होने वाली है। वैक्सीनेशन में तेजी आएगी और चिन्हित कर दवा का इस्तेमाल किया जाएगा।
संक्रमण के लक्षण
-शरीर में चकत्ते व घाव
-थकावट व कमजोरी
-तेज बुखार व सूजन
-सांस लेने में परेशानी

बचाव के तरीके
-यह संक्रमण एक मवेशी से दूसरे में फैलता है।
-मवेशियों के आसपास साफ-सफाई बनाए रखना।
-संक्रमित गौवंशों से दूसरे मवेशी को दूर रखना।
-संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी।
-पशुपालकों को संक्रमण के बारे में जागरुक करना।

गौवंशों में लंपी वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए विभाग की ओर से लगातार वैक्सीनेशन कार्य के साथ जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है। 23 हजार वैक्सीन की डोज जल्द ही उपलब्ध होने वाली है।
डॉ. अशोक सिंह, उप संचालक पशु विभाग